दही हांडी में 14 साल से कम उम्र के किशोर नहीं लेंगे भाग

जस्टिस गवई ने कहा, 'उम्र और ऊंचाई पर प्रतिबंध लगाना हमारे दायरे में नहीं आता है। यह विशेष रूप से राज्य के विधायी दायरे में है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 08 Aug 2017 12:15 PM (IST) Updated:Mon, 14 Aug 2017 04:59 PM (IST)
दही हांडी में 14 साल से कम उम्र के किशोर नहीं लेंगे भाग
दही हांडी में 14 साल से कम उम्र के किशोर नहीं लेंगे भाग

मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाई कोर्ट से कहा कि दही हांडी उत्सव में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हिस्सा नहीं लेंगे। हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार की दलील स्वीकार कर ली, लेकिन उत्सव में बनने वाले मानव पिरामिड की ऊंचाई पर प्रतिबंध लगाने से इन्कार कर दिया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एमएस कार्णिक की पीठ ने कहा कि उत्सव में भाग लेने वालों की उम्र और पिरामिड की ऊंचाई निर्धारित करना हाई कोर्ट का काम नहीं है। इस लोकप्रिय उत्सव में भाग लेने वालों को गोविंदा कहा जाता है।

जस्टिस गवई ने कहा, 'उम्र और ऊंचाई पर प्रतिबंध लगाना हमारे दायरे में नहीं आता है। यह विशेष रूप से राज्य के विधायी दायरे में है। यदि हम राज्य के विधायी क्षेत्र में दखल देते हैं तो यह अतिक्रमण माना जाएगा। राज्य की विधायिका की जवाबदेही है कि वह फैसला ले और आवश्यक प्रतिबंध यदि जरूरी हैं तो उसे पारित करे।Ó दोनों न्यायाधीशों ने कहा, 'हम राज्य सरकार के बयान को स्वीकार करते हैं।

इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि दही हांडी उत्सव में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं लेंगे।Óअतिरिक्त सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के सामने राज्य सरकार  का पक्ष रखा। उन्होंने अदालत से कहा कि बाल श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन) अधिनियम के अुनसार, उत्सव में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भाग नहीं ले सकते हैं। ऐसा इसलिए कि राज्य सरकार पिछले वर्ष एक अगस्त को ही दही हांडी को एक जोखिम भरा खेल घोषित कर चुकी है।

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