Bulli Bai App Case: ओडिशा से पकड़ा गया बुल्‍ली बाई एप का एक और आरोपी, जानें क्‍या है ये मामला

Bulli Bai App Case मुंबई पुलिस ने बुल्‍ली बाई ऐप मामले के एक और आरोपी को आज ओडिशा से गिरफ्तार किया है। अब तक तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन आरोपियों के तार सुल्‍ली डील मामले से भी जुड़े हुए थे।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 12:21 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 01:07 PM (IST)
Bulli Bai App Case: ओडिशा से पकड़ा गया बुल्‍ली बाई एप का एक और आरोपी, जानें क्‍या है ये मामला
मुंबई पुलिस ने आज ओडिशा से एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया है।

मुंबई, एएनआइ। बुल्ली बाई ऐप ( Bulli Bai App) मामले में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने आज ओडिशा (Odisha) से एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि बीते सोमवार बुल्‍ली बाई एप मामले में गिरफ्तार अन्‍य तीन आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध हुआ था, जांच में सामने आया था कि ये तीनों आरोपी सुल्‍ली सौदे (Sulli Deal) मामले से भी जुड़े हुए थे।

बिश्नोई को हिरासत में लेने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम पहले से ही दिल्ली में है, जो कथित तौर पर जिसनेे  'बुली बाई' ऐप बनाया है, और ओंकारेश्वर ठाकुर को 'सुली डील्स' ऐप का निर्माता माना जाता है। मुंबई पुलिस ने अदालत को बताया कि ठाकुर और बिश्नोई की जमानत अर्जी दिल्ली की अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है।

“इन आरोपियों ने एक विशेष समुदाय की महिलाओं को अपना निशाना बनाया है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या उन्होंने किसी के कहने पर इसे किया है और क्या इस मामले में और भी आरोपी शामिल हैं। इस बात का भी पता लगाना चाहिए कि क्‍या इसके लिए उन्‍हें किसी प्रकार का भुगतान किया गया था। इन आरोपियों ने सिख समुदाय के लोगों के नाम का ही प्रयोग किया है क्‍या ऐसा लोगों के गुमराह करने के लिए किया गया है। ये लोग कई-कई ट्विटर इंस्टाग्राम और जीमेल अकाउंट चलाते थे। इसे लेकर भी जांच की जा रही है। इसे लेकर भी साइबर पुलिस ने कोर्ट के सामने अपना जवाब रखा। इन खातों को अभी निष्क्रिय कर दिया गया है।

जानिए क्या है 'बुली बाई' ऐप?

-बुल्ली बाई ऐप लोगों को बरगलाने और वित्तीय लाभ कमाने के लिए देश भर में एक संदिग्ध समूह

(उनमें से अधिकांश की पहचान अभी बाकी है) द्वारा विकसित एक ऐप है।

- इस ऐप को बनाने के पीछे का मकसद भारतीय महिलाओं (ज्यादातर मुस्लिम) को नीलामी के लिए रखना और बदले में पैसा कमाना है।

- ये लोग सोशल मीडिया अकाउंट्स से इन महिलाओं की तस्वीरें चुराते हैं और उन्हें प्लेटफॉर्म पर लिस्ट कर देते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि इन महिलाओं को अपनी प्रोफाइल को हमेशा लॉक रखना चाहिए या प्रोफाइल को प्राइवेट रखना चाहिए।

- इस ऐप पर प्रोफाइल में पीड़ितों की तस्वीरें और अन्य व्यक्तिगत विवरण शामिल थे, जिन्हें महिलाओं की सहमति के बिना बनाया और साझा किया जा रहा था।

- ऐप को माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट गिटहब पर बनाया गया था।

- बुली बाई जैसी घटनाओं में, साइबर अपराधी इंटरनेट से लोकप्रिय महिलाओं, सेलेब्स, प्रभावितों, पत्रकारों आदि की तस्वीरें लेते हैं और उनसे वित्तीय लाभ अर्जित करते हैं।

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