हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर फिलहाल बांबे हाई कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है। वह सबरीमाला मंदिर के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगा। सुप्रीम कोर्ट जैसा कहेगा वैसा ही बांबे हाई कोर्ट करेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2016 01:12 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2016 01:18 AM (IST)
हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

मुंबई। हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर फिलहाल बांबे हाई कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है। वह सबरीमाला मंदिर के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगा। सुप्रीम कोर्ट जैसा कहेगा वैसा ही बांबे हाई कोर्ट करेगा। शीर्ष न्यायालय को केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश मामले में फैसला देना है।

इस ऐतिहासिक दरगाह के गर्भगृह में हाजी अली ट्रस्ट द्वारा महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ बांबे हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। इसमें अंतिम फैसला आने तक महिलाओं को प्रवेश की अंतरिम राहत मांगी गई है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस वीएम कानाडे और रेवती मोहिते-डेरे की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जैसा कहेगा हम वैसा करेंगे।

पीठ ने कहा, 'धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश से जुड़े दोनों मामले एक जैसे हैं, इसलिए याची को अंतरिम राहत देने से पहले हम सबरीमाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे।' इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि तीन फरवरी तय की है। कोर्ट ने महाधिवक्ता श्रीहरि एने से अगली सुनवाई के दिन इस 'संवेदनशील मुद्दे' पर अपना पक्ष रखने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु की महिलाओं के प्रवेश का आदेश देने की मांग की गई है। अभी मासिक धर्म की आयु तक की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक है।

वकील को सुरक्षा देने का आदेश

नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने की जनहित याचिका दायर करने वाले एनजीओ इंडियन यंग लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नौशाद अहमद खान को धमकी मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ के न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने कहा, न्याय को प्रभावित करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। उल्लेखनीय है कि कोर्ट में जाने पर नौशाद को फोन पर धमकी मिलने लगी थी।

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