Ashadhi Ekadashi 2021: आषाढ़ी एकादशी पर पत्‍नी संग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की भगवान विट्ठल की पूजा

Ashadhi Ekadashi 2021 आषाढ़ी एकादशी पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में की महा पूजा की। इस खास अवसर पर लोग समृद्धि प्राप्त करने और मोक्ष प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 08:41 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 09:04 AM (IST)
Ashadhi Ekadashi 2021: आषाढ़ी एकादशी पर पत्‍नी संग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की भगवान विट्ठल की पूजा
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में 'महा पूजा' की

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ आषाढ़ी एकादशी के शुभ अवसर पर मंगलवार सुबह पंढरपुर के विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में 'महा पूजा' की। देश के कई राज्यों आषाढ़ी एकादशी के खास अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। कुछ लोग समृद्धि प्राप्त करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए इस दिन उपवास भी रखते हैं।

बता दें कि भगवान विठ्ठल को भगवान विष्णु और कृष्ण का अवतार कहा जाता है। विठ्ठल भगवान की पूजा महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा,और आन्ध्रा में की जाती है। विट्ठल भगवान का मुख्य मंदिर महाराष्ट्र के पंढरपुर में स्थित है, इनकी पत्नी का नाम रखुमाई है। पंढरपुर को भक्त 'भु-वैकुंठ' अर्थात पृथ्वी पर भगवान विष्णु का निवास स्‍थान मानते हैं। भक्‍तों की मान्‍यता है कि भगवान विठ्ठल के मंदिर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता।

देवशयनी एकादशी

देवशयनी एकादशी का हिंदू धर्म में खास महत्व है, इस खास दिन को 'पद्मनाभा' भी कहा जाता है। जब सूर्य का प्रवेश मिथुन राशि में होता है तो एकादशी आती है। इस दिन से ही चातुर्मास का आरंभ हो जाता है। भगवान विष्णु इस दिन आराम करने के  लिए क्षीर सागर में चले जाएंगे, यह अवधि चार माह की होती है। अब चार माह तक शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। चार माह बाद तुला राशि में सूर्य के जाने पर भगवान को उठाया जाता है। इस दिन को 'देवोत्थानी एकादशी' कहा जाता है, इस दिन से शुभ कार्य होने शुरू हो जाएंगे। दोनों के बीच के अंतर वाले माह को 'चातुर्मास' कहा जाता है।

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