Madhya Pradesh: बहुत दूर तक पीछाकर तेंदुए के मुंह से अपने बेटे को बचा लाई मां
करीब एक किलोमीटर दूर तेंदुआ जंगल में ही एक जगह रुका और बालक को पंजों से दबोचकर बैठ गया था। इस दौरान महिला हिम्मत करके उसके पंजे से बच्चे को संघर्ष के बाद छुड़ाने में कामयाब हुई और फिर बच्चे को अपनी बांहों में कसकर लिपटा लिया।

सीधी [मध्य प्रदेश], जेएनएन । मध्य प्रदेश के संजय टाइगर बफर जोन टमसार रेंज अंतर्गत बाड़ीझरिया गांव में एक बैगा आदिवासी परिवार की किरण बैगा अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए शाम सात बजे घर के सामने अलाव जलाकर तीन बच्चों के साथ बैठी हुई थी। इसी दौरान पीछे से अचानक तेंदुआ आ आया और बगल में बैठे 8 वर्षीय बेटे राहुल को मुंह में दबाकर जंगल की ओर भाग गया। महिला हिम्मत करके तेंदुआ के पकड़ से अपने बेटे को बचा लाई। महिला पर तेंदुआ ने दो बार वार किया। हालांकि इस दौरान दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घायलों का इलाज समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसमी में चल रहा है। इनकी हालत ठीक बताई गई है।
इस घटना के बाद से आदिवासी क्षेत्र में दहशत का माहौल है। साल भर के भीतर यह दूसरी घटना है। मालूम हो कि करीब एक किलोमीटर दूर तेंदुआ जंगल में ही एक जगह रुका और बालक को पंजों से दबोचकर बैठ गया था। इस दौरान महिला हिम्मत करके उसके पंजे से बच्चे को संघर्ष के बाद छुड़ाने में कामयाब हुई और फिर बच्चे को अपनी बांहों में कसकर लिपटा लिया। बच्चे को छुड़ाने के बाद दूसरी बार तेंदुआ फिर वार किया तब वह उसके पंजे को पकड़कर जोर से धकेल दी। तब तक में गाँव के लोग भी पहुंच गए और लोगों की भीड़ आते देख तेंदुआ वहां से जंगल की ओर भाग गया। महिला ने बताया कि इसके बाद वह बेहोश हो गई जब आँख खुली तो देखा कि अस्पताल पहुंच गई है।
बता दें कि यहां दिन हो या रात डर के साए में लोग रहते हैं, यहां के लोगों का कहना है कि हम संजय टाइगर रिजर्व के बफर जोन में रहते हैं आए दिन इस तरह की घटनाएं होती हैं अक्सर हमें तेंदुआ कहे या भालू मिलते रहते हैं हम अपनी जान को बचाने के लिए भागते हैं। इस घटना के बाद से डर लग और अधिक हो गया है।
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