Jabalpur To Mumbai Train: गरीब रथ में लंबी वेटिंग, जबलपुर से मुंबई आने वाले यात्री हो रहे है परेशान

Jabalpur To Mumbai Train जबलपुर से से मुंबई आने-जाने में यात्रियों को परेशानी हो रही है। यहां से मंबई जाने के लिए केवल शहर से शुरू होने वाली गरीब रथ और एक साप्ताहिक विशेष। गरीब रथ एकमात्र ट्रेन है जो सप्ताह में तीन दिन चलती है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sun, 03 Jul 2022 10:28 AM (IST) Updated:Sun, 03 Jul 2022 10:28 AM (IST)
Jabalpur To Mumbai Train: गरीब रथ में लंबी वेटिंग, जबलपुर से मुंबई आने वाले यात्री हो रहे है परेशान
गरीब रथ एकमात्र ट्रेन है जो सप्ताह में तीन दिन चलती है

 जबलपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। जबलपुर से मुंबई जाने के लिए केवल दो ट्रेनें हैं, शहर से शुरू होने वाला गरीब रथ और एक साप्ताहिक विशेष। इसमें गरीब रथ एकमात्र ट्रेन है जो सप्ताह में तीन दिन चलती है और दूसरी ट्रेन साप्ताहिक है, जो सप्ताह में केवल एक बार चलती है। नियमित ट्रेनें नहीं होने से जबलपुर से मुंबई आने-जाने में यात्रियों को परेशानी हो रही है।

शहर के 90% यात्री गरीब रथ द्वारा मुंबई से आते-जाते हैं। इस ट्रेन में लंबा वेटिंग टाइम होने के कारण हर यात्री को रिजर्व सीट नहीं मिलती है। यही हाल इन दिनों ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों का है। पश्चिम मध्य रेलवे का संचालन विभाग राहत देने के लिए पिछले दो बार से इस ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगा रहा है, लेकिन इससे सिर्फ 78 यात्रियों को ही राहत मिल रही है।

टिकट कंफर्म नहीं हुआ तो यात्रा कैंसिल

रेलवे के नियमों के मुताबिक काउंटर पर या ऑनलाइन रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद भी अगर टिकट कंफर्म नहीं होता है तो वह अपने आप कैंसिल हो जाता है। यदि टिकट में एक से अधिक यात्री हैं और एक भी टिकट कंफर्म है तो बाकी यात्रियों को ट्रेन में यात्रा करते समय रियायत दी जाती है। हालांकि, गरीब रथ में लंबा इंतजार करने के कारण ज्यादातर बार ऐसा नहीं हो पाता। अगर टिकट कंफर्म नहीं होता है तो यह अपने आप कैंसिल हो जाता है। ऐसे में कई बार मजबूरी में यात्री को ट्रेन से सफर करना पड़ता है। कभी-कभी उन्हें अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतार दिया जाता है या उनका टिकट चेकिंग स्टाफ भारी जुर्माना वसूल करता है। जुर्माना भरने के बाद भी यात्री को सीट नहीं मिलती है।

कोच का डिजाइन बन गया आफत

गरीब रथ ट्रेन जबलपुर से मुंबई के बीच करीब 14 साल से चल रही है। अब रेलवे कोच फैक्ट्री ने इस ट्रेन में इस्तेमाल होने वाले ऐसे तीसरे कोच बनाना बंद कर दिया है। यहां पीएमआर में इन कोचों की सीमित संख्या है। लंबे इंतजार के कारण, डब्ल्यूसीआर का संचालन विभाग मुश्किल से एक या दो अतिरिक्त कोच ट्रेन में लगा पाता है। जानकारों का कहना है कि इन कोचों की जगह हहमसफर ट्रेन के कोच को लेना है, लेकिन अभी तक रेलवे की ओर से इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इससे यात्रियों को हर बार लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

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