'तुम्हें शर्म नहीं आती, ऐसी हरकत पर चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए', वकील पर क्यों झल्ला उठे हाईकोर्ट के जज?

हाईकोर्ट में एक अधिवक्ता की गलती पकड़ी गई। दरअसल अधिवक्ता जमानत याचिकाओं पर फर्जी लोगों के हलफनामे दायर कर रहा था। गलती पकड़ने जाने पर जस्टिस आर्या ने अधिवक्ता को जमकर फटकार लगाई है। अधिवक्ता को प्रत्येक हलफनामे को वेरीफाई करने का आदेश भी दिया है। जस्टिस ने अधिवक्ता पर सख्त टिप्पणी भी की है। हालांकि आरोपी अधिवक्ता अदालत में माफी मांगते रहे।

By Jagran NewsEdited By: Manish Negi Publish:Tue, 16 Apr 2024 12:22 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 12:22 PM (IST)
'तुम्हें शर्म नहीं आती, ऐसी हरकत पर चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए', वकील पर क्यों झल्ला उठे हाईकोर्ट के जज?
गलत हलफनामे पर हाईकोर्ट की वकील को फटकार

HighLights

  • एमपी में हाईकोर्ट ने एक अधिवक्ता को जमकर फटकार लगाई है।
  • हाईकोर्ट में अधिवक्ता की गलती पकड़ी गई है।
  • अधिवक्ता जमानत याचिकाओं पर फर्जी लोगों के हलफनामे दायर कर रहा था।

ग्वालियर, डिजिटल डेस्क। मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट की युगलपीठ में गड़बड़ी सामने आई है। इस गड़बड़ी को लेकर अधिवक्ता को जमकर फटकार लगी है। जस्टिस आर्या ने इस दौरान कड़ी टिप्पणी भी की है। दरअसल, अशोक जैन के नाम का अधिवक्ता द्वारा जमानत याचिकाओं में ऐसे लोगों के हलफनामे दायर किए जा रहे थे जो कहीं है ही नहीं। अशोक जैन पर गलत तरीके से चेंज ऑफ काउंसिल का आवेदन करने और जमानत याचिकाओं में फर्जी लोगों के हलफनामे लगाने का आरोप है।

शासकीय अधिवक्ता अजय निरंकारी ने जस्टिस आर्या के सामने इस गड़बड़ी का खुलासा किया। अधिवक्ता की इस हरकत को जस्टिस ने शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा, 'एक वो नटवरलाल हुआ करता था, यहां के नटवरलाल तुम हो। अधिवक्ता हो कर ऐसी हरकत करते हो तुम्हें शर्म नहीं आती है? ऐसी हरकत पर तो चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए।’ उन्होंने ये भी कहा कि तुम्हें पैसे का कितना लालच है जिसने तुम्हें अंधा कर दिया है। तुम अधिवक्ताओं के नाम पर कलंक हो।

अदालत ने क्या आदेश दिया?

हाईकोर्ट ने अधिवक्ता को प्रत्येक हलफनामे को वेरीफाई करने का आदेश दिया है। इसके अलावा अगर किसी क्रिमिनल अपील में यह हलफनामा दायर करते हैं तो उनको संबंधित थाने में जाकर हलफनामे में बताए व्यक्ति का वेरिफिकेशन करवाना होगा।

कैसे पकड़ी गई गड़बड़ी?

दरअसल, एक मामले में व्यक्ति की जमानत के सपोर्ट में एक हलफनामा दायर किया गया, जिसमें हलफनामा दायर करने वाले व्यक्ति का पता जालौन, मध्‍य प्रदेश लिखा है, जबकि जालौन एमपी में है ही नहीं। एक मामले में मुस्लिम व्यक्ति की जमानत के लिए दायर याचिका में एक हिंदू को उसका रिश्तेदार बताकर याचिका के साथ हलफनामा दर्ज किया गया। एक आपराधिक मामले में जो जमानत याचिका दायर हुई उसमें बड़ी चूक पकड़ में आई, जिसमें किसी अन्य आरोपी की याचिका में लगे हलफनामे को बदलकर इस याचिका के साथ दायर कर दिया, जो जांच में पकड़ा गया।

जेल में जाकर करवा लाते है वकालतनामे पर हस्ताक्षर

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जैन पर कोर्ट में मौजूद अन्य अधिवक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह आए दिन जेल जाकर कैदियों से मिलते हैं और उनसे फुसलाकर वकालतनामे पर हस्ताक्षर करवा लाते हैं । उसके बाद दूसरे दिन हाईकोर्ट में आकर चेंज ऑफ काउंसिल का आवेदन दर्ज कर देते हैं जिसके लिए वह संबंधित वकील से एनओसी भी नहीं लेते हैं। हाल ही में पैरोल पर आए एक अपराधी के साथ भी उन्होंने ऐसा ही किया था।

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