Dhar Dam Leakage: मध्‍य प्रदेश के धार में बांध टूटने का खतरा, 18 गांव खाली करवाये; सेना तैनात

धार (Dhar) की करम नदी (Karam river) पर निर्माणाधीन बांध में लीकेज और भूस्‍खलन को देखते हुए 18 गावों को खाली करवा दिया गया है। 590 मीटर लंबे और 52 मीटर ऊंचे मिट्टी के बांध का निर्माण जल संसाधन विभाग ने दिल्ली की एएमएस कंस्ट्रक्शन कंपनी से कराया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 13 Aug 2022 10:57 AM (IST) Updated:Sat, 13 Aug 2022 10:57 AM (IST)
Dhar Dam Leakage: मध्‍य प्रदेश के धार में बांध टूटने का खतरा, 18 गांव खाली करवाये; सेना तैनात
Dhar Dam Leakage: करम नदी पर निर्माणाधीन बांध में लीकेज और भूस्खलन से उत्पन्न खतरे

भोपाल, जागरण आनलाइन डेस्‍क। Dhar Dam Leakage: कारम नदी (Karam River) पर निर्माणाधीन बांध में लीकेज और भूस्खलन (Land slide) से उत्पन्न खतरे को देखते हुए धार के धरमपुरी (Dhrampuri) में सेना के दो हेलीकॉप्टर और एक कंपनी को मदद के लिए तैयार रखा गया है। धार के 12 गांवों और खरगोन (khargone) के छह गांवों के निवासियों को खाली कराकर राहत शिविरों में भेज दिया गया है।

जल संसाधन विभाग बांध को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रहा है। उधर, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा व जल संसाधन एसएन मिश्रा ने मंत्रालय स्थित कंट्रोल रूम से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए।

गुजरी के डेहरिया निवासियों को बस में बैठाकर सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। उधर, धामदोन की ओर जाने के लिए वाहन नहीं होने के कारण देर रात तक लोग पैदल ही उसकी ओर जाते दिखे।

75 प्रतिशत काम हो चुका है पूरा

जल संसाधन विभाग द्वारा दिल्ली की एएमएस कंस्ट्रक्शन कंपनी से कारम नदी पर कोठीडा-भरुदपुरा गांव के पास 590 मीटर लंबा और 52 मीटर ऊंचा मिट्टी का बांध बनाया गया है। 75 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब तब 174 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

गुरुवार दोपहर से ही उसमें रिसाव शुरू हो गया था। बांध के क्षतिग्रस्त होने की आशंका को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने रिसाव को बंद करने का काम किया, लेकिन शुक्रवार को मिट्टी बह गई। इससे बांध टूटने का खतरा था। इस स्थिति को देखते हुए गृह विभाग ने सेना के दो हेलीकॉप्टर और एक कंपनी को मदद के लिए तैयार रखने का बंदोबस्त किया।

हाईवे के दोनों ओर पुलिस तैनात

इंदौर और धार से राज्य आपदा राहत दल भेजा गया है। पुलिस बल, होमगार्ड और राजस्व विभाग के जवान बचाव कार्य में लगे हैं। डा राजौरा ने बताया कि जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जब तक बांध की सुरक्षा के लिए सभी कदम नहीं उठाए जाते तब तक ग्रामीणों को राहत शिविरों में रखा जाए।

हाईवे के दोनों ओर पुलिस तैनात कर दी गई है। एंबुलेंस का प्रबंध करने के लिए कहा गया है। ड्रोन निगरानी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी सतर्क रहें और फील्ड स्टाफ के संपर्क में रहें।

बांध की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल

बांध निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। मुख्य अभियंता से लेकर तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने कहा कि सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। पानी निकासी के लिए सड़क बनाई जा रही है।

निर्माण आदि की गुणवत्ता की विस्तृत जांच होगी। जहां से पानी लीक हो रहा था, उसे बंद कर दिया गया है लेकिन मिट्टी बह गई है।

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