वाराणसी में मोदी का चुनाव एजेंट बनने को लेकर मारामारी

वाराणसी, जासं। प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी का ये जादू ही है कि भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में मतदान के बाद अब उनका चुनाव एजेंट बनने को लेकर मारामारी की स्थिति है। ऐसे अजीब हालात को लेकर विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों के सामने संकट खड़ा हो गया है क्योंकि एक को एजेंट बना रहे हैं तो दूसरा नाराज हो

By Edited By: Publish:Wed, 14 May 2014 07:25 PM (IST) Updated:Wed, 14 May 2014 11:46 PM (IST)
वाराणसी में मोदी का चुनाव एजेंट बनने को लेकर मारामारी
वाराणसी में मोदी का चुनाव एजेंट बनने को लेकर मारामारी

वाराणसी, जासं। प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी का ये जादू ही है कि भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में मतदान के बाद अब उनका चुनाव एजेंट बनने को लेकर मारामारी की स्थिति है। ऐसे अजीब हालात को लेकर विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों के सामने संकट खड़ा हो गया है क्योंकि एक को एजेंट बना रहे हैं तो दूसरा नाराज हो जा रहा है। आलम यह है कि कई कार्यकर्ता पार्टी के बड़े नेताओं के यहां पैरवी कर रहे हैं एजेंट बनने के लिए।

निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार मतगणना के दौरान एक राजनीतिक दल की ओर से एक विधानसभा क्षेत्र के पंद्रह एजेंट ही तैनात किए जा सकते हैं। एक विस क्षेत्र में चौदह टेबल यानी चौदह चक्र की गणना होती है। प्रत्येक टेबल पर एक एजेंट और एक आरओ के साथ एजेंट तैनात किया जाता है।

भाजपा में हालात दूसरे दलों से इतर हैं। इसके एक विधानसभा क्षेत्र से ढाई से तीन सौ दावेदार विधानसभा प्रभारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। शहर उत्तरी के विधायक रवींद्र जायसवाल ने बताया कि संसदीय सीट के पांच विस क्षेत्र में एजेंट बनने के लिए जितनी मारामारी है उतनी किसी अन्य सीट पर नहीं है। अब पार्टी के लिए मुश्किल हो गई है कि किसे एजेंट बनाएं, किसे नहीं।

पार्टी, भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को मिले मतों की गिनती से लेकर हर आंकड़ों पर नजर रखने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को एजेंट बनाने से पहले कई पहलुओं पर ध्यान रख रही है। पार्टी को पता है कि वीआइपी सीट का मामला है और जरा भी गड़बड़ी भारी पड़ सकती है। विधायक रवींद्र जायसवाल ने बताया कि एजेंट बनाने के दौरान अनुभव को वरीयता दी जा रही है।

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