भारत सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों में दे रही है पर्यटन को बढ़ावा

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 22-24 नवंबर, 2018 को त्रिपुरा के अगरतला में ‘अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट’ का आयोजन किया। जिसमें 18 देशों के 52 विदेशी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Nov 2018 04:57 PM (IST) Updated:Mon, 26 Nov 2018 04:58 PM (IST)
भारत सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों में दे रही है पर्यटन को बढ़ावा
भारत सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों में दे रही है पर्यटन को बढ़ावा

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने 22-24 नवंबर, 2018 को त्रिपुरा के अगरतला में ‘अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन मार्ट’ का आयोजन किया। जिसमें 18 देशों के 52 विदेशी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया , कनाडा, चीन, फ्रांस, इंडोनेशिया, जापान, केन्या, मलेशिया, म्यांमार, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, रूस, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका शामिल था। 

इस आयोजन का खास मकसद नार्थ ईस्ट राज्यों में टूरिज्म बढ़ाने से है। पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा ने कहा कि, '2016 की तुलना में, पूर्वोत्तर राज्यों में जाने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या पिछले साल 16.7 फीसदी बढ़ी है, जबकि इस क्षेत्र में आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या में 22.8 फीसदी की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि सरकार देश की पर्यटन क्षमता के प्रदर्शन के लिए विभिन्न सामाजिक और डिजिटल मीडिया का उपयोग कर रही है।

वर्मा ने कहा कि 5,600 करोड़ रुपये की ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत चयनित पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक सुविधाओं के साथ 67 परियोजनाएं लागू की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि 166 देशों के नागरिकों के लिए भारत की पर्यटन क्षमता को उजागर करने के लिए कुछ देशों में रोड शो भी आयोजित किए जा रहे हैं और ई-वीजा सिस्टम भी लागू किया गया है।

वर्मा ने कहा कि उत्तरपूर्वी राज्यों में रेल और सड़क कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है। ब्रह्मपुत्र नदी क्रूज और असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के चाय बागान विदेशी और घरेलू दोनों पर्यटकों को आकर्षित करने में सहायक होंगे।

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