बरसाना की लठमार होली रंगों से कम दिलचस्प नहीं, जानें क्यों मनाई जाती है यहां ऐसी होली

बरसाना राधा का जन्म स्थान है. इस दिन नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए बरसाना गांव जाते हैं.

By Pratima JaiswalEdited By: Publish:Fri, 23 Feb 2018 03:34 PM (IST) Updated:Fri, 23 Feb 2018 03:36 PM (IST)
बरसाना की लठमार होली रंगों से कम दिलचस्प नहीं, जानें क्यों मनाई जाती है यहां ऐसी होली
बरसाना की लठमार होली रंगों से कम दिलचस्प नहीं, जानें क्यों मनाई जाती है यहां ऐसी होली

रंगों का त्यौहार होली आने में थोड़ा-सा ही वक्त बचा है. ऐसे में हर व्यक्ति होली अपने अंदाज में मनाने की तैयारी में लगा हुआ है. वहीं, भारत की कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां पर होली का त्यौहार एक हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाता है.उत्तरप्रदेश में बरसाना एक जगह है, जहां लाठी-डंडों से होली खेली जाती है. वहीं ब्रज में भी लड्डूओं से होली की शुरूआत होती है. बरसाना राधा का जन्म स्थान है. इस दिन नंदगांव के लोग होली खेलने के लिए बरसाना गांव जाते हैं. जानते हैं क्यों है यहां की होली खास.

लड्डुओं से होती है होली की शुरूआत  

ब्रज की होली के रंग अनोखे होते हैं. ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले होली भगवान कृष्ण ने राधा जी के संग होली खेली थी इसलिए ब्रज की होली पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां होली से पहले ही कई तरह के रंग देखने को मिलते है.  लठ्ठमार होली से एक दिन पहले लड्डुओं की होली खेली जाती है.

मान्यता के अनुसार नंदगांव में मंदिर में कृष्ण को होली का निमंत्रण देने जाते है. उनके इस निमंत्रण को कृष्ण और गांववाले स्वीकार कर लेते हैं. इस दौरान वहां पर भोग लगाने को दिए गए लड्डुओं को लुटाने में लग जाते है. फिर अगले दिन बरसाना में लट्ठमार होली शुरू हो जाती है.

 

बरसाना की लट्ठमार होली की शुरुआत ब्रज की मशहूर से होती है, जिसमें महिलाएं पुरुषों के ऊपर डंडे से उनकी पिटाई  करते है और पुरुष उनसे बचते हुए उन पर अबीर और गुलाल डालते हैं. 

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