लॉकडाउन में घबराने और नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए आजमाएं ये टिप्स

कोरोना इंफेक्शन का डर ऊपर से होम आइसोलेशन को लेकर चिंता ने लोगों के मन में डर और नेगेटिविटी फैला दी है जिससे इस समय उबरना जरूरी है। तो कैसे कर सकते हैं इसे दूर जानेंगे यहां।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 09:30 AM (IST)
लॉकडाउन में घबराने और नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए आजमाएं ये टिप्स
लॉकडाउन में घबराने और नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए आजमाएं ये टिप्स

चारों तरफ कोरोना की चर्चा से लोग पल-पल मन का सुकून गंवा रहे हैं। ऐसे में लोग घर में एक साथ रहते हुए भी परेशान नजर आ रहे हैं। बीमारी का डर ऊपर से होम आइसोलेशन को लेकर अनिश्चितता की चिंता से तनाव और अवसाद जैसी चीजें पनप रही हैं। लेकिन इस मनोदशा से उबरने के लिए थोड़े से प्रयास से सकारात्मक सोच विकसित करके इस स्थिति से निपटा जा सकता है,  तो इसके लिए क्या करें, आइए डालते हैं इस पर एक नजर...

नियमित रखें दिनचर्या

चारों तरफ कोरोना की चर्चा से लोग पल-पल मन का सुकून गंवा रहे हैं। ऐसे में लोग घर में एक साथ रहते हुए भी परेशान नजर आ रहे हैं। बीमारी का डर ऊपर से होम आइसोलेशन को लेकर अनिश्चितता की चिंता से तनाव और अवसाद जैसी चीजें पनप रही हैं। लेकिन इस मनोदशा से उबरने के लिए थोड़े से प्रयास से सकारात्मक सोच विकसित करके इस स्थिति से निपटा जा सकता है,  तो इसके लिए क्या करें, आइए डालते हैं इस पर एक नजर...

नियमित रखें दिनचर्या

बहुत बड़े बदलाव का वक्त है। एडजस्ट होने में परेशानी आएगी लेकिन अब आप अपनी दिनचर्या को काम के दिनों की तरह नियमित रखेंगे तो निश्चित रूप से दिमाग से नकारात्मक विचार खत्म होंगे और काम के बारे में सोच पाएंगे। सुबह कसरत से लेकर रात के सोने तक के रूटीन को वैसा ही रखें जैसा पहले था। इस समय में एक-दूसरे से जुड़ाव को महसूस करें, उनके बचपन की घटनाओं के बारे में बात करें और यादें ताजा करें।

बच्चों को करवाएं अपने बचपन की गलियों की सैर

बच्चों के हाथ से फोन ले लें, ले जाएं उन्हें पुरानी फोटो और कॉमिक्स के जरिए अपने बचपन की गलियों की सैर पर। रामायण, महाभारत दिखाएं और बताएं कि आपके समय में लोग कैसे इस तरह के सीरियल्स के लिए हफ्ते भर उत्साहित रहते थे। बताएं कि एक कॉमिक्स या बोर्ड गेम घर में आने का क्या मतलब होता था। बच्चों को संस्कारों और क्रिएटिविटी से जोड़ने के इस सुअवसर का नकारात्मक विचारों में न गवाएं।

नकारात्मक बातों पर न दें ध्यान

टीवी से या सोशल मीडिया पर और दोस्तों से बात में बीमारी और लॉकडाउन का जिक्र होता है। ऐसे में मन में नकारात्मक बातें भर जाती हैं। इस समय इस विषय पर बातचीत बंद कर दें। थोड़ी बहुत जानकारी के लिए समाचार पत्र या अन्य माध्यम का उपयोग करें पर दिन भर इसी में न फंसे रहें।

डॉ समीर पारिख (मनोवैज्ञानिक, निदेशक, नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम, फोर्टिस हेल्थकेयर)
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