हमेशा याद आते हैं कॉलेज से जुड़े वो मीठे रिश्ते

दोस्ती की कसमें खाने से लेकर कच्ची उमर के उपजे प्रेम अनुभव की परिपक्वता के बाद भी इस तरह याद आते हैं

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 04 Mar 2017 02:25 PM (IST) Updated:Tue, 14 Mar 2017 09:56 AM (IST)
हमेशा याद आते हैं कॉलेज से जुड़े वो मीठे रिश्ते
हमेशा याद आते हैं कॉलेज से जुड़े वो मीठे रिश्ते

 कॉलेज और छात्र का रिश्ता ऐसा होता है कि कॉलेज छूट जाने के बाद रिश्ता नहीं छूटता। कॉलेज की क्लास, हास्टल का कमरा, कैंटीन, लॉन यही नहीं आपस में छात्रों के तू तू मैं-मैं और उनके साथ ही दोस्ती की कसमें खाने से लेकर कच्ची उमर के उपजे प्रेम अनुभव की परिपक्वता के बाद भी इस तरह याद आते हैं कि वर्षों बाद कॉलेज के गेट से गुजरते ही कितनी यादों झोंका मन को झंकृत कर जाता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस के कॉलेज न केवल अपनी शिक्षा बल्कि शिक्षक-छात्र और कॉलेज से छात्रों के प्रगाढ़ संबंधों के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि कॉलेज में पढ़ाई के लगभग साठ साल बीत जाने के बाद भी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने किरोडीमल कॉलेज को याद किया और कॉलेज प्रिंसिपल से यहां बतौर एक पूर्व छात्र ही आने का वादा किया। यही नहीं उन्होंने यहां सभागार की बदहाली के लिए 51 लाख रुपये देने का एलान भी किया। इसके अलावा भी डीयू के कॉलेजों से पढ़कर निकली कई हस्तियां आज विभिन्न क्षेत्र में हैं। जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से यहां पढऩे वाले छात्रों, कॉलेज या डीयू प्रशासन की मदद अपने स्तर पर करते रहे हैं। कॉलेज से किसी भी तरह एक जुड़ाव बनाए रखना चाहते हैं। विभिन्न कॉलेजों में होने वाले पूर्व छात्र सम्मेलनों में ऊंचे ओहदे पर पहुंचे लोग भी अपने कॉलेज में बतौर छात्र ही आते हैं और अपने पुराने दिनों को याद करते हैं।

किरोड़ीमल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.दिनेश खट्टर बताते हैं कि इस कॉलेज से बहुत लोग निकले हैं जो आज विभिन्न जगहों पर हैं। लेकिन आज सबसे अधिक चर्चा में यहां से फिल्म जगत में गए लोग हैं। हमने मुंबई में किरोड़ीमल कॉलेज के पूर्व छात्रों का मिलन समारोह किया और वहां पर बड़ी संख्या में इस कॉलेज के छात्र आए। हम कॉलेज में फ्रैंक ठाकुरदास ऑडिटोरियम को बनवाने के लिए धन भी एकत्रित करने गए थे मुझे खुशी है कि सभी छात्रों ने इसमें सहयोग का वादा किया। यहां के पूर्व छात्र अमिताभ बच्चन ने तो 51 लाख रुपये देने की घोषणा भी कर दी।

डीयू के सभी कॉलेजों में तो नहीं लेकिन नार्थ कैंपस के कुछ कॉलेजों में मजबूत एल्युमिनाई एसोसिएशन हैं जो हर साल या साल में कई बार ऐसे आयोजन करती हैं जिससे पूर्व छात्र आपस में जुड़े रहें।

इसी क्रम में ङ्क्षहदू कॉलेज के ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन पुराने छात्रों के बीच ही वाद विवाद प्रतियोगिता सहित अन्य गतिविधियां करता आ रहा है। इस एसोसिएशन के सचिव व अर्जेंट केयर हास्पीटल के डायरेक्टर रवि बर्मन बताते हैं कि पूर्व छात्रों के संगठन कई मायने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं हमारा मकसद नए पुराने छात्रों को जोडऩा भी है। साथ में नए छात्रों के लिए करियर से जुडे कार्यक्रम, कॉलेज की मूलभूत सुविधाओं के लिए सहयोग सहित कई कार्यक्रम करते हैं।

पूर्व छात्रों का अपने कॉलेज से प्रेम ही था कि सेंट स्टीफंस कॉलेज में छात्र पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ एकजुट हुए और एक स्वर में उनको हटाने की मांग की। जिसमें राजनीतिज्ञ, शिक्षक, पत्रकार और अन्य कई लोग थे।

- हमारे पूर्व छात्र विश्वविद्यालय की धरोहर हैं। हम इनको जोडऩे के लिए कई कार्यक्रम चलाने जा रहे हैं। इसी क्रम में एक कार्यक्रम व्याख्यान का है। जिसमें प्रसिद्ध विदुषी कपिला वात्सायन छात्र छात्राओं के समक्ष अपना व्याख्यान देंगी।

प्रो.योगेश त्यागी  (कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय)

 -कॉलेज से पुराना नाता है। कॉलेज में नए लोग आते हैं तो उनसे भी जुडऩा होता है। सभी पूर्व छात्र कॉलेज की बेहतरी के लिए कार्य करते हैं। हमारा संपर्क निरंतर रहता है। हमारा एसोसिएशन काफी महत्वपूर्ण है।

यशोवद्र्धन आजाद (इंफार्मेशन  कमिश्नर, सेंट्रल इंफार्मेशन कमीशन, पूर्व छात्र ङ्क्षहदू कॉलेज)

-धीरे धीरे लोगों को जोडऩे की संस्कृति समाप्त होती जा रही है इसलिए हमारी कोशिश होती है कि हम अपने कॉलेज के पूर्व छात्रों से मिले। उनकी दुविधा, समस्या को साझा करें। कॉलेज से हमारा जुड़ाव होता है। पूर्व छात्र कई रूपों में अपने कॉलेज से जुडा होना चाहते हैं।

डॉ.कविता शर्मा (अध्यक्ष, साउथ एशियन युनिवर्सिटी, पूर्व छात्रा ङ्क्षहदू कॉलेज)

-मुझे मेरे कॉलेज ने काफी कुछ दिया है आज मैं जो हूं उसमें मेरे कॉलेज का काफी योगदान है। इसी कॉलेज से मैंने डूसू का चुनाव लड़ा था और छात्र संघ अध्यक्ष चुना गया। आज भी कॉलेज को जब मेरी जरूरत है मैं हाजिर हूं। कॉलेज में मैं अब कम जा पाता हूं। मैंने राजनीति हंसराज कॉलेज से सीखी है। और मुझे इस पर गर्व है।

 अजय माकन (पूर्व केंद्रीय मंत्री, वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व हंसराज कॉलेज के पूर्व छात्र)

-मैंने इस कॉलेज से एमकाम किया है। मैं अपने कॉलेज में तब भी सक्रिय रहा और आज भी कॉलेज के हर बुलावे पर जाता हूं और हाल में कॉलेज में इस भाव से मैंने मदद की है। कॉलेज ने मुझे काफी कुछ दिया है। यहंा पर आज भी कुछ शिक्षक हैं जो हमारे समय में थे। मैं छात्र संघ में उपाध्यक्ष भी रहा हूं। राजनीति के क्षेत्र में सीखने के लिए कॉलेजों का काफी योगदान है।

बिजेंद्र गुप्ता (दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, पूर्व छात्र श्रीराम कॉलेज आफ कामर्स)

-आप अपने जीवन में कॉलेज लाइफ से बहुत कुछ सीखते हैं। मैंने भी सीखा है। लेकिन आपको अपने कॉलेज के लिए आगे भी आना चाहिए। हम लोग पूर्व छात्रों को जोड़कर उनसे आर्थिक मदद लेकर कॉलेज में सभागार का जीर्णोद्धार करा रहे हैं। हमें खुशी है कि अमिताभ बच्चन साहब ने आगे आकर अपने कॉलेज के लिए सहायता की।

सतीश कौशिक (सिने कलाकार व निर्देशक, सचिव किरोडीमल कॉलेज एल्युमनाई एसोसिएशन)

प्रस्तुति: अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली 

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