Independence Day 2023: हर भारतीय की शान है हमारा तिरंगा, स्वतंत्रता दिवस पर जानें इसका इतिहास और महत्व

Independence Day 2023 15 अगस्त 1947 में मिली आजादी का जश्न हर साल पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आज हम सब अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। जैसा कि हम जल्द ही अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं इस मौके पर आपको भारतीय ध्वज के इतिहास और तिरंगे के महत्व के बारे में बताएंगे जो जानना जरूरी है।

By Harshita SaxenaEdited By: Publish:Fri, 11 Aug 2023 05:29 PM (IST) Updated:Tue, 15 Aug 2023 08:28 PM (IST)
Independence Day 2023: हर भारतीय की शान है हमारा तिरंगा, स्वतंत्रता दिवस पर जानें इसका इतिहास और महत्व
जानें क्या है भारतीय तिरंगे का इतिहास और महत्व

HighLights

  • 15 अगस्त को इस साल हम अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहे हैं।
  • इस मौके को खास बनाने के लिए हर कोई तैयारियों में जुटा हुआ है।
  • ऐसे में आज हम आपको बताएंगे भारतीय तिरंगे का इतिहास और महत्व।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Independence Day 2023: आज हम सब अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। जैसा कि हम आजादी के 76 साल पूरा कर चुके हैं, हमें इसके इतिहास, हमारी आजादी पाने के पीछे के संघर्ष, हमारे लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी है। यह दिन पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हम सब अपने घरों को तिरंगे रंग में सजाते हैं, स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में भाषण और कविताएं पढ़ते हैं। साथ ही सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे का भी अपना बहुत महत्व है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। तिरंगा भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमें तिरंगे का इतिहास और महत्व अवश्य जानना चाहिए।

तिरंगे का इतिहास और महत्व

दुनिया में हर देश का अपना राष्ट्रीय ध्वज होता है, जो एक स्वतंत्र देश का प्रतीक होता है। हमारा तिरंगा भी हमारी आजादी का प्रतीक है। 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से भारत की आजादी से कुछ दिन पहले 22 जुलाई, 1947 को आयोजित हुई संविधान सभा की बैठक में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को इसके वर्तमान स्वरूप में अपनाया गया था। 15 अगस्त, 1947 से 26 जनवरी, 1950 के बीच यह भारत के डोमिनियन के ध्वज के रूप में कार्य करता था। साल1950 के बाद यह भारत गणराज्य का प्रतीक बन गया।

तिरंगे में कितने रंग

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग हैं। इसमें सबसे ऊपर गहरा केसरिया (केसरी), बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग होता है। इसके अलावा बीच में 24 तीलियों वाला एक नेवी ब्लू व्हील या चक्र होता है। यह अशोक के सारनाथ सिंह स्तंभ के एबेकस पर दिखाई देने वाले डिजाइन के समान है और इसका व्यास सफेद बैंड की चौड़ाई के बराबर है। झंडे की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात दो से तीन है।

तिरंगे के तीन रंगों का अर्थ

हमारे राष्ट्रीय ध्वज का केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाता है। वहीं सफेद रंग धर्म चक्र के साथ शांति और सच्चाई को दर्शाता है और हरा रंग भूमि की उर्वरता, विकास और शुभता को दर्शाता है। इसके अलावा बीच में मौजूद धर्म चक्र मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाई गई सारनाथ राजधानी में "कानून के पहिये" को दर्शाया है। यह दर्शाता है कि गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है।

दरअसल, अशोक चक्र की 24 तीलियां इंसान के 24 गुणों को दिखाती हैं, जिसे कर्तव्य का पहिया भी कहा जाता है। आपको बताते हैं अशोक चक्र के 24 तीलियों के महत्व के बारे में। पहली तीली- संयम दूसरी तीली- आरोग्य तीसरी तीली- शांति चौथी तीली- त्याग पांचवीं तीली- शील छठवीं तीली- सेवा सातवीं तीली- क्षमा आठवीं तीली- प्रेम नौवीं तीली- मैत्री दसवीं तीली- बन्धुत्व ग्यारहवीं तीली- संगठन बारहवीं तीली- कल्याण तेरहवीं तीली- समृद्धि चौदहवीं तीली- उद्योग पंद्रहवीं तीली- सुरक्षा सौलहवीं तीली- नियम सत्रहवीं तीली- समता अठारहवी तीली- अर्थ उन्नीसवीं तीली- नीति बीसवीं तीली- न्याय इक्कीसवीं तीली- सहकार्य बाईसवीं तीली- कर्तव्य तेईसवी तीली- अधिकार चौबीसवीं तीली- बुद्धिमत्ता

Picture Courtesy: Freepik

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