क्लियर रखें फंडामेंटल्स

ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग का एग्जाम 31 जनवरी को होने वाला है। आइआइटी, एनआइटी और आइआइएससी जैसे टॉप इंस्टीटï्यूशंस से एमटेक और एमएससी करने के लिए गेट एग्जाम क्वालिफाई करना जरूरी होता है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Tue, 20 Jan 2015 10:25 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jan 2015 10:30 AM (IST)
क्लियर रखें फंडामेंटल्स

ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग का एग्जाम 31 जनवरी को होने वाला है। आइआइटी, एनआइटी और आइआइएससी जैसे टॉप इंस्टीटï्यूशंस से एमटेक और एमएससी करने के लिए गेट एग्जाम क्वालिफाई करना जरूरी होता है। पिछले वर्ष ऑनलाइन शुरू हुआ यह एग्जाम इस बार भी ऑनलाइन होगा। इस बार इसे आइआइटी कानपुर कंडक्ट करा रहा है। 

एग्जाम पैटर्न

गेट में ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव दोनों टाइप के 100 क्वैश्चंस होते हैं, जो न्यूमेरिकल और थ्योरेटिकल बेस्ड होते हैं। 1-1 माक्र्स के 30 और 2-2 माक्र्स के 35 क्वैश्चंस होते हैं। इसमें मेरिट के आधार पर कैंडिडेट्स का सलेक्शन किया जाता है। एग्जाम में मल्टीपल च्वाइस और न्यूमेरिकल आंसर टाइप क्वैश्चन होंगे। लेकिन खास बात यह है कि न्यूमेरिकल आंसर टाइप सवालों के लिए च्वाइस नहीं मिलेगी। एग्जाम के पहले पार्ट में जनरल एप्टीटï्यूड के कंपल्सरी क्वैश्चंस होते हैं। फिर 22 ब्रांचेज के लिए अलग-अलग पेपर होते हैं। इसका स्कोर तीन वर्ष के लिए वैलिड होगा। 

कॉन्सेप्ट हो क्लियर

जनरल एप्टीट्यूड के पेपर के लिए आपका फंडामेंटल और बेसिक्स क्लियर होना चाहिए। इस पेपर में वर्बल और न्यूमेरिकल एबिलिटी के क्वैश्चंस होते हैं। वर्बल एबिलिटी में इंग्लिश ग्रामर, सेंटेंस कंप्लीशन, वर्ड एनालॉजी और गु्रप बेस्ड क्वैश्चंस होते हैं। यह 10वीं तक के ग्रामर पर बेस्ड होता है। इसके लिए वोकेबुलरी की नॉलेज और पैसेज की अच्छी समझ होनी चाहिए। न्यूमेरिकल एप्टीट्यूड के क्वैश्चंस एप्रॉक्सिमेशन स्किल पर फोकस्ड होते हैं। इसके लिए 10वीं तक के मैथ्स का कॉन्सेप्ट क्लियर होना चाहिए।

समझें वीक और स्ट्रांग प्वाइंट

सेकंड पेपर सब्जेक्टिव होता है। इसके लिए सिलेबस के हर टॉपिक पर अच्छी पकड़ होनी जरूरी है। तैयारी के दौरान यह नोट करते चलें कि आप कहां स्ट्रांग हैं और कहां वीक? जिन टॉपिक्स में आप स्ट्रांग हैं, उनकी डीप स्टडी करें और जहां वीक हैं, उन्हें अच्छी तरह समझने की कोशिश करें। इस दौरान ध्यान रखें किआप सभी पेपर्स पर बराबर फोकस करें। कॉन्सेप्ट क्लियर रखने के लिए जरूरी है कि हर चैप्टर की थ्योरी, फॉर्मूला, डाइमेंशन, यूनिट सभी याद रखें।

क्या करें, क्या न करें

-बेहतर स्कोर के लिए एक्युरेसी और स्पीड दोनों ही जरूरी हैं। क्वैश्चन सॉल्व करते समय उसकी एक्युरेसी भी जांचते रहें। 

-न्यूमेरिकल क्वैश्चंस ऑब्जेक्टिव नहीं होंगे। इनके आंसर लिखने होंगे। इस दौरान अवेयर रहें।

-निगेटिव मार्किंग का ध्यान रखें। वही क्वैश्चन सॉल्व करने का प्रयास करें, जिन्हें लेकर आप पूरी तरह से कॉन्फिडेंट हों।

-आंसर के लिए एक जैसे कई ऑप्शंस हों, तो सही आंसर के लिए कंपेरिजन जरूर करें।

-गेट नीड्स प्रैक्टिस ऐंड प्रैक्टिस... ज्यादा से ज्यादा प्रॉब्लम सॉल्व करने का प्रयास करें। 

-सिलेबस रिवाइज जरूर करें। इससे आप ज्यादा कॉन्फिडेंट होंगे।

सलेक्टिव प्रिपरेशन करें

गेट के प्रिपरेशन के दौरान पूरा सिलेबस पढऩे की बजाय सलेक्टिव प्रिपरेशन पर ध्यान दें। न्यूमेरिकल क्वैश्चंस ज्यादा सॉल्व करने का प्रयास करें। पुराने क्वैश्चन पेपर सॉल्व करना आपकी स्ट्रेटेजी में शामिल होना चाहिए। कम से कम 10 साल का मॉडल क्वैश्चन पेपर सॉल्व करें। इससे एग्जाम का पैटर्न क्लियर हो सकेगा। खुद की मार्किंग करना न भूलें।

बी. सिंह

डायरेक्टर, मेड ईजी, दिल्ली

नये का रखें ध्यान

-गेट का एग्जाम पहले 21 ब्रांचेज के लिए होता था। अब इसमें 22वां ब्रंाच इकोलॉजी और इवॉल्यूशन का जोड़ा गया है।

इंटरैक्शन : मोहित शर्मा

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