इंट्रेस्ट को दें सही दिशा

आखिर क्या वजह है कि इंडियन स्टूडेंट्स भारत में कम, बल्कि अमेरिका या दूसरे पश्चिमी देशों में अच्छा परफॉर्म करते हैं, बता रही हैं टाइम्स की टॉप यूनिवर्सिटीज की रैंकिंग में 20वां स्थान हासिल करने वाली यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की प्रेसिडेंट प्रो. मैरी सू कोलमैन..

By Edited By: Publish:Wed, 27 Nov 2013 10:23 AM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2013 12:00 AM (IST)
इंट्रेस्ट को दें सही दिशा

ब्रॉडर एस्पेक्ट में एजुकेशन

भारत में टेक्निकल एजुकेशन तो दी जाती है, लेकिन वह किसी स्पेसिफिक करियर के लिए होती है। अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में भी टेक्निकल एजुकेशन दी जाती है, लेकिन ब्रॉडर एस्पेक्ट में। अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में करियर ओरिएंटेड नहीं, बल्कि ह्यूमन नेचर ओरिएंटेड एजुकेशन दी जाती है। इस एजुकेशन से स्टूडेंट हर फील्ड में स्मार्ट होता जाता है। दूसरे अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को इनोवेटिव और नए-नए आइडियाज पर काम करने की पूरी आजादी होती है। बने-बनाए कई साल से चलते आ रहे एक ही पैटर्न को स्टडी नहीं करना होता, जिससे स्टूडेंट्स इनोवेटिव होते जाते हैं। टीचर्स बस गाइड करते हैं। अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स धीरे-धीरे अपनी प्रॉब्लम्स खुद सॉल्व करने लगते हैं। दूसरे देशों से आए स्टूडेंट्स में नेचुरली क्रिएटिविटी डेवलप होती है, कुछ नया करने की इच्छा जगती है

एनकरेज फॉर इनोवेशन

स्टूडेंट्स को बहुत कडे अनुशासन में नहीं रखना चाहिए। उन्हें हल्का-फुल्का माहौल देना चाहिए, ताकि उनके दिमाग में आइडियाज जन्म ले सकें। उन्हें एक ऐसी जगह दी जाए, जहां वे फ्री होकर अपनी टीम के साथ प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकें। एग्जाम में स्कोर करने की टेंशन न हो। उन्हें अपनी समस्याएं खुद सॉल्व करने दीजिए। जब भी वे कुछ नए आइडियाज पर काम करके आपके पास लाएं, उन्हें एनकरेज करने के लिए कुछ इनसेंटिव्स देना चाहिए। क्लास रूम में हो या जहां कहींभी, वे उन्हें छोड दें, वे कुछ न कुछ इनोवेटिव करेंगे।

मोटिवेट ऐंड एजुकेट योरसेल्फ

एजुकेशन का मोटिव केवल जॉब नहीं होना चाहिए। हालांकि पढाई पूरी करने के बाद हर स्टूडेंट जॉब की तलाश करता है। स्टूडेंट्स को ये सिखाना चाहिए कि कैसे अच्छा एम्प्लॉई बनें, कैसे अच्छा बर्ताव करें और कैसे सारी प्रॉब्लम्स को सॉल्व करें। कैसे इनिशिएट करके रिस्पॉन्सिबिलिटी लें। मिशिगन यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप कराती है, कई सारी कंपनियों से टाइ-अप है, हम स्टूडेंट्स को वहां भेजते हैं।

डेवलप योर इनर लीडरशिप

यह एजुकेशन का काफी अहम हिस्सा है। हम स्टूडेंट्स को ये पढाते हैं कि कैसे अलग-अलग हालात में अलग-अलग लोगों से डील करना है। हमने लीडरशिप प्रोग्राम बनाए हैं, जिनमें दूसरों को लीड करना सिखाया जाता है। मुश्किल से मुश्किल हालात को कैसे संभालना है, उसमें भी कैसे अपना बेस्ट देना है? स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स कैसे सॉल्व करें, ये बहुत ध्यान देने की बात है।

लव व्हाट यू स्टडी

स्टूडेंट्स को अपने इंटरेस्ट के सब्जेक्ट की स्टडी करनी चाहिए। आपकी अपने सब्जेक्ट में वाकई रुचि होनी चाहिए। मैंने बॉयोकेमिस्ट्री में स्टडी की है, ऐंड आइ रियली लव इट। इसलिए स्टूडेंट्स को वही रास्ता चुनना चाहिए, जिसमें वाकई इंट्रेस्ट है, जिसमें वे वाकई कुछ करना चाहते हैं। इसके लिए टीचर्स का रोल इम्पॉर्टेंट हो जाता है, क्योंकि स्टूडेंट्स को राह मेंटर या टीचर ही सिखाते हैं। जैसे किसी स्टूडेंट को लोगों से मिलना-जुलना अच्छा लगता है, वो सोशल वर्क करे और अगर किसी को कंप्यूटर में ही ज्यादा इंट्रेस्ट हो, वो फिर वह कम्यूटर साइंस का कोर्स करे।

अपना इनोवेशन करें

हर किसी में इनोवेशन है, बस जरूरत उसे ढूंढने की है। अपने ऑप्शन खुले रहिए। भारत कई सारे मायनों में अच्छा है, लेकिन लोगों को इस बात के लिए तैयार करने की जरूरत है कि वाकई अपने फील्ड में इंटरेस्ट लेकर काम करें, अपने ऑप्शंस खुले रखें, खुलकर सोचें और खुलकर अपनी सोच पर काम भी करें, तभी आप कुछ अच्छा कर पाएंगे।

Profile at a glance

डॉ. मैरी सू कोलमैन

प्रेसिडेंट, मिशिगन यूनिवर्सिटी

क्वॉलिफिकेशन : नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी से बॉयोकेमिस्ट्री में डॉक्टरेट।

ग्रिनेल कॉलेज से केमिस्ट्री में अंडरग्रेजुएट डिग्री।

एक्सपीरियंस :

मैरी सू कोलमैन अगस्त 2002 में मिशिगन यूनिवर्सिटी की 13वींप्रेसिडेंट बनीं।

मैरी एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज की चेयरपर्सन के रूप में भी काम कर रही हैं। इस एसोसिएशन में अमेरिका और कनाडा की 61 पब्लिक और प्राइवेट रिसर्च यूनिवर्सिटीज शामिल हैं।

कोलमैन को टाइम मैगजीन ने 10 बेस्ट कॉलेज प्रेसिडेंट्स की लिस्ट में भी शामिल किया था। 19 साल तक कोलमैन केंटुकी यूनिवर्सिटी में बॉयोकेमिस्ट्री की फेकल्टी रहीं।

बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स : जॉनसन ऐंड जॉनसन करेंट पोजिशन : प्रेसिडेंट, मिशिगन यूनिवर्सिटी, अमेरिका

मिशन : स्टूडेंट्स में इनोवेटिव स्किल डेवलप करना और एजुकेशन की क्रिएटिव अप्रोच को प्रमोट करना।

यूएसपी : डेप्थ ऐंड ब्रेथ यानी सोच में गहराई और व्यापकता।

इंटरैक्शन: मिथिलेश श्रीवास्तव

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