विज्ञान और कला का अनोखा संगम है फोटोग्राफी: चित्रांश

जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में निकॉन इंडिया प्रा.लि. एवं निकॉन स्कूल के समायोजन से आयोजित कार्यशाला में निकाॅन के प्रसिद्ध एग्जीक्यूटिव...

By MMI TeamEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2016 02:17 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2016 02:29 PM (IST)
विज्ञान और कला का अनोखा संगम है फोटोग्राफी: चित्रांश

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) में निकॉन इंडिया प्रा.लि. एवं निकॉन स्कूल के समायोजन से आयोजित कार्यशाला में निकाॅन के प्रसिद्ध एग्जीक्यूटिव टेक्निकल सपोर्ट चित्रांश सक्सेना द्वारा विद्यार्थियों को फोटोग्राफी की बारीकियां बताईं गयीं। कार्यशाला के आयोजन में मेहरोत्रा स्टूडियो की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कार्यशाला का शुभारंभ निदेशक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, डाॅ. निर्भय मिश्रा, निकॉन कंपनी के चित्रांक सक्सेना, आशीष सौंधी, संजय मेहरोत्रा, तपेश भारद्वाज व फैजुल हसन ने मां सरस्वती एवं स्व. श्री गणेशी लाल अग्रवाल के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्जवलित एवं माल्यार्पण कर किया। तत्पश्चात कार्यशाला के समन्वयक फैजुल हसन ने बताया कि चित्रांश सक्सेना एक प्रसिद्ध एग्जीक्यूटिव टेक्निकल सपोर्ट और निकॉन इंडिया प्रा.लि. आफीसर हैं।
कार्यशाला के दौरान श्री सक्सेना ने विद्यार्थियों को फोटोग्राफी की खूबसूरती व गुणवत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी में जितनी सृजनात्मकता लायी जाये उतना ही बेहतर है। उन्होंने छात्रों को फोटोग्राफी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए एक्सपोजर ट्राइंगल, शटर स्पीड एवं अपरचर को विभिन्न स्थितियों में व्यवस्थित कर फोटोग्राफी की बारीकियां बताईं। साथ ही फोटोग्राफ को कम्पोज करने के विभिन्न नियम जैसे रूल ऑफ थर्ड बेफ्ेंसिंग एलीमेन्ट्स इत्यादि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जहाँ तकनीकी के विकास के साथ कैमरे विकसित हुए हैं, वहीं तकनीकी के विकास के साथ फोटोग्राफी में सृजनात्मकता का भी बहुत बड़ा योगदान है। फोटोग्राफर की नजर वह देख पाती है जो आम व्यक्ति नहीं देख पाता है।
उन्होंने कई ऐसे अंचबित कर देने वाले चित्र दिखाए जो हम रोजमर्रा की जिंदगी में अपने आसपास होते हुए भी नजर अंदाज कर देते हैं। कंपनी से आए सीनियर मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव आशीष सोंधी ने विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के कैमरे एवं उनके अंदरूनी भागों से व उनके क्रिया-कलापों से परिचित कराया। इस अवसर पर निदेशक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार की कार्यषाला से विद्यार्थियों को कैरियर की एक नई दिशा दिखेगी। साथ ही छात्रों में रचनात्मकता एवं नवीन विचारों का विकास होगा।
कार्यशाला के सफल आयोजन में छात्र काॅर्डिनेटर हिमांशु मुद्गल, ईशान श्रीवास्वत, और शौर्य सेंगर का सहयोग सराहनीय रहा।

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