टेक्निकल राइटिंग:एक दिलचस्प और मॉडर्न करियर ऑप्शन

बाजार से आप जब भी कोई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो उसके साथ एक मैनुअल भी मिलता है। उसमें उस प्रोडक्ट के बारे में सारी जानकारियां दी गईं होती हैं कि उसे कैसे इस्तेमाल करना है? उसमें क्या खूबियां हैं? कहां सावधानी बरतनी है आदि। दरअसल, इस तरह के मैनुअल का मकसद ह

By Edited By: Publish:Wed, 04 Jun 2014 04:11 PM (IST) Updated:Wed, 04 Jun 2014 04:11 PM (IST)
टेक्निकल राइटिंग:एक दिलचस्प और मॉडर्न करियर ऑप्शन

बाजार से आप जब भी कोई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट खरीदते हैं, तो उसके साथ एक मैनुअल भी मिलता है। उसमें उस प्रोडक्ट के बारे में सारी जानकारियां दी गईं होती हैं कि उसे कैसे इस्तेमाल करना है? उसमें क्या खूबियां हैं? कहां सावधानी बरतनी है आदि। दरअसल, इस तरह के मैनुअल का मकसद ही होता है कस्टमर्स को टेक्नोलॉजी से अपडेट करना। इसी वजह से आज अलग-अलग सेक्टर्स की कंपनियां अपने टारगेट ऑडिएंस तक पहुंचने के लिए टेक्निकल राइटर्स की मदद लेने लगी हैं। कह सकते हैं कि इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इससे जुड़े क्षेत्र के अलावा मैन्युफै क्चरिंग और सर्विस सेक्टर में आए बूम के बाद से टेक्निकल राइटिंग एक दिलचस्प और मॉडर्न करियर ऑप्शन के रूप में सामने आया है।

क्या है टेक्निकल राइटिंग?

टेक्निकल राइटिंग के तहत राइटर्स को तकनीकी जानकारियों को सरल और आसान भाषा में अपने क्लाइंट या टारगेट ऑडिएंस तक पहुंचाना होता है। इसके लिए उन्हें पहले रिसर्च करना होता है। फिर कॉन्सेप्ट तैयार करने, डिजाइनिंग से लेकर डॉक्यूमेंट क्रिएट करने तक की सारी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। इन्हें प्रोडक्ट मैनुअल्स और वेबसाइट्स के लिए कंटेंट डेवलप करने से लेकर डॉक्यूमेंट कन्वर्ट करने, इन्स्टॉलेशन गाइड, ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स और एंड यूजर्स के लिए हेल्प फाइल्स तैयार करनी होती है।

क्यों चुनें करियर?

इस फील्ड में अलग-अलग टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट्स, टूल्स और डोमेन्स पर काम करने का अवसर मिलता है। आप अपने इंट्रेस्ट की फील्ड में काम कर सकते हैं, जैसे-एडिटिंग, ग्राफिक्स, ट्रेनिंग या प्रोडक्ट एनालिसिस। यह एक डे-शिफ्ट जॉब है, जिसमें अच्छी सैलरी तो है ही, कॉम्पिटिशन भी ज्यादा नहीं है। विदेश में प्रोजेक्ट्स पर काम करने का बढि़या मौका भी मिलता है।

जरूरी क्वालिफिकेशन

टेक्निकल राइटिंग के लिए किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन जरूरी है। इस फील्ड की खासियत ही यही है कि इसमें खास क्वालिफिकेशन की दरकार नहीं है। हां, टेक्निकल राइटर्स की साइंस और टेक्नोलॉजी में दिलचस्पी के साथ-साथ इंग्लिश पर भी कमांड होनी जरूरी है।

बेसिक स्किल्स

सक्सेस के लिए कैंडिडेट्स के पास कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज के साथ-साथ राइटिंग एबिलिटी होनी चाहिए। उन्हें अपने आइडियाज को ग्राफिक्स के जरिए प्रेजेंट करना आना चाहिए। इसके साथ ही अगर आइटी का बेसिक बैकग्राउंड, धारदार कम्युनिकेशन स्किल और लॉजिकल तरीके से प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने का हुनर होगा, तो सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है।

जॉब अपॉच्र्युनिटीज

टेक्निकल राइटिंग एक विशाल फील्ड है। आपको आइटी, एजुकेशन, मेडिकल, फाइनेंस, गवर्नमेंट, हर लेवल पर काम करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग, पब्लिशिंग, टेलीकम्युनिकेशन, लॉ, टूरिज्म इंडस्ट्री में भी टेक्निकल राइटर्स की अच्छी डिमांड है। इन दिनों बायोइंफॉर्मेटिक्स, क्लीनिकल रिसर्च, पेटेंट राइटिंग, रिसर्च में भी टेक्निकल राइटर्स की मदद ली जाने लगी है। आज के दौर में टेक्निकल राइटर्स हर इंडस्ट्री और हर फील्ड में अपनी जगह बना रहे हैं। टेक्निकल राइटिंग में एसोसिएट टेक्निकल राइटर के तौर पर करियर की शुरुआत होती है। लेकिन चार से पांच साल के अनुभव के बाद आप किसी कंपनी में टीम लीडर की भूमिका में काम कर सकते हैं। वहीं, सात साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस होने पर डॉक्युमेंटेशन मैनेजर या प्रोडक्ट एनालिस्ट के तौर पर आपको हायर किया जा सकता है। अगर आपका टेक्निकल बैकग्राउंड है, तो सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट बन सकते हैं। चाहें तो फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर सकते हैं। टेक्निकल राइटिंग की फील्ड में शुरुआती सैलरी 2.75 से 3.2 लाख रुपये सालाना हो सकती है। जैसे-जैसे आपका एक्सपीरियंस बढ़ेगा, सैलरी 12 लाख रुपये सालाना या उससे ज्यादा हो सकती है। (जागरण फीचर)

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