साउथ अफ्रीका में गिनाएंगे जीएलए की गतिविधियां

दिन-प्रतिदिन विद्यार्थियों के विकास हेतु जीएलए विश्वविद्यालय नवीनतम आयाम स्थापित कर रहा है। विदेशी कंपनियों ने भी विश्वविद्यालय

By MMI TeamEdited By: Publish:Mon, 25 Apr 2016 03:12 PM (IST) Updated:Mon, 25 Apr 2016 03:36 PM (IST)
साउथ अफ्रीका में गिनाएंगे जीएलए की गतिविधियां

मथुरा। दिन-प्रतिदिन विद्यार्थियों के विकास हेतु जीएलए विश्वविद्यालय नवीनतम आयाम स्थापित कर रहा है। विदेशी कंपनियों ने भी विश्वविद्यालय में अपनी दस्तक देकर छात्रों को रोजगार दिया है। विश्वविद्यालय की गतिविधियों को जानने के लिए यूनिवर्सिटी आॅफ जूलूलैण्ड, साउथ अफ्रीका द्वारा गणित के प्रोफेसर एवं डीन (रिसर्च एवं डेवलपमेंट) डाॅ. अनिरूद्ध प्रधान को आमंत्रित किया है, जहां डाॅ. प्रधान विश्वविद्यालय की गतिविधियां गिनायेंगे साथ ही अपने शोधपत्रों पर विशेष व्याख्यान देंगे।

जीएलए की साथ अफ्रीका में गतिविधियों को गिनाने के लिए डाॅ. प्रधान रवाना हो गये हैं। डाॅ. प्रधान जीएलए एवं यूनिवर्सिटी आॅफ जूलूलैण्ड के संयुक्त तत्वावधान में डार्क ऊर्जा एवं सौर मण्डल की वर्तमान घटनाओं पर शोध करेंगे। वहीं क्वाजूलू विश्वविद्यालय, नारल में होने वाले अंतर्राश्ट्रीय सम्ममेलन में भी अपनी मुख्य भूमिका निभाएंगे।

डाॅ. प्रधान ने साउथ अफ्रीका रवाना होने से पहले जानकारी देते हुए बताया कि डरबन यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलाॅजी, यूनिवर्सिटी आॅफ डरबन वेस्ट विला तथा यूनिवर्सिटी आॅफ केपटाउन में भी शोध पत्रों को विशेष व्याख्यान होगा।

गणित विभाग के अध्यक्ष डाॅ. पी.के. टण्डन ने बताया कि डाॅ. प्रधान अंर्तविश्वविद्यालय खगोल भौतिकी एवं खगोल विज्ञान केन्द्र पुणे के 15 वर्षोँ से विजिटिंग एसोसिएट हैं। यही नहीं 200 शोध पत्र अंतर्राश्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।

इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल, निदेषक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, कुलसचिव अशोक कुमार सिंह एवं विभाग के शिक्षकों ने साउथ अफ्रीका रवाना होने से पहले बधाई दी और आशा व्यक्त की कि भविश्य में जीएलए विश्वविद्यालय अंर्तराश्ट्रीय स्तर का शोध केन्द्र बनेगा।

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