ऐसे बनाएं फायर इंजीनियरिंग में अपना करियर

अगर आपको 'आग' से खेलना पसंद है, तो फायर इंजीनियरिंग को करियर के रूप में अपना सकते हैं। इस फील्ड में जॉब ऑप्शंस भी शानदार हैं। इंटरनेशनल फायरफाइटर्स डे के मौके पर जानते हैं कैसे इस फील्ड में एंट्री की जा सकती है.. आमतौर पर गर्मी के महीनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जात

By Edited By: Publish:Wed, 30 Apr 2014 11:20 AM (IST) Updated:Wed, 30 Apr 2014 11:20 AM (IST)
ऐसे बनाएं फायर इंजीनियरिंग में अपना करियर

अगर आपको 'आग' से खेलना पसंद है, तो फायर इंजीनियरिंग को करियर के रूप में अपना सकते हैं। इस फील्ड में जॉब ऑप्शंस भी शानदार हैं। इंटरनेशनल फायरफाइटर्स डे के मौके पर जानते हैं कैसे इस फील्ड में एंट्री की जा सकती है..

आमतौर पर गर्मी के महीनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। वैसे, ऊंची-ऊंची इमारतें, बड़े-बड़े मॉल्स आदि भी आग से पूरी तरह सुरक्षित नहींहैं। यदि आग अनियंत्रित हो जाए, तो काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए फायरफाइटर्स की जरूरत होती है। इस तरह के प्रोफेशनल्स फायर इंजीनियरिंग से जुड़े लोग होते हैं, जो जानते हैं कि आग को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।

क्वालिफिकेशन

फायर इंजीनियरिंग से जुड़े अधिकांश कोर्स ग्रेजुएट स्तर पर उपलब्ध हैं, जिसके लिए साइंस सब्जेक्ट से बारहवीं पास होना जरूरी है। फायर इंजीनियरिंग से रिलेटेड सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। कोर्स के दौरान आग बुझाने के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाती हैं। साथ में, बिल्डिंग निर्माण के बारे में भी बताया जाता है, ताकि आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने में ज्यादा परेशानी न हो। इसमें फिजिकल फिटनेस के मा‌र्क्स भी जोड़े जाते हैं। पुरुष के लिए 50 किलो के वजन के साथ 165 सेमी. लंबाई और आईसाइट 6/6, सीना सामान्य रूप से 81 सेमी. और फुलाने के बाद 5 सेमी. फैलाव होना जरूरी है। महिला का वजन 46 किलो और लंबाई 157 सेमी और आईसाइट 6/6 होनी चाहिए।

कोर्सेज

-बीई फायर इंजीनियरिंग।

-बीटेक फायर ऐंड सेफ्टी इंजीनियरिंग।

-सर्टिफिकेट कोर्स इन फायर ऐंड सेफ्टी इंजीनियरिंग (सीएफएसई)।

-डिप्लोमा इन फायर ऐंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी इंजीनियरिंग।

-डिप्लोमा इन फायर ऐंड सेफ्टी इंजीनियरिंग मैनेजमेंट (डीएफएसइएम)।

-डिप्लोमा इन फायर ऐंड सेफ्टी इंजीनियरिंग 8डिप्लोमा इन फायर इंजीनियरिंग।

-डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी इंजीनियरिंग।

-पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फायर ऐंड सेफ्टी इंजीनियरिंग।

फायर इंजीनियर्स का वर्क।

फायर इंजीनियर्स का कार्य काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इसके लिए साहस के साथ-साथ समाज के प्रति प्रतिबद्धता जरूरी है। फायर इंजीनियर का कार्य इंजीनियरिंग डिजाइन, ऑपरेशन और मैनेजमेंट से संबंधित होता है। फायर इंजीनियर की प्रमुख जिम्मेदारी दुर्घटना के समय आग के प्रभाव को खत्म करना या फिर सीमित करना होता है। इसके लिए वे अग्निसुरक्षा के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। अग्निशमन के आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल और उसके रखरखाव की तकनीक में सुधार करना भी इनकी ही जिम्मेदारी होती है।

जॉब प्रोफाइल

इस फील्ड में आप असिस्टेंट, सेफ्टी इंस्पेक्टर, सेफ्टी इंजीनियर, सेफ्टी ऑफिसर, सेफ्टी सुपरवाइजर, फायर प्रोटेक्शन टेक्नीशियन, सेफ्टी ऑडिटर, फायर सुपरवाइजर, हेल्थ असिस्टेंट, एनवायरनमेंट ऑफिसर, फायर ऑफिसर आदि के रूप में काम कर सकते हैं।

जॉब ऑप्शन

फायर इंजीनियरिंग से जुड़े लोगों के लिए गवर्नमेंट और पब्लिक सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं। इस फील्ड सेजुड़े प्रोफेशनल्स रेलवे, एयरफोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया, डिफेंस, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, ओएनजीसी, माइंस, रिफाइनरिज, पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स आदि में जॉब की तलाश कर सकते हैं। सैलरी पैकेज

जूनियर या असिस्टेंट फायर इंजीनियर की शुरुआती सैलरी 10-25 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकती है।

प्राइवेट सेक्टर में कुछ वर्ष का वर्क एक्सपीरियंस रखने वाले प्रोफेशनल्स को वरीयता मिलती है और सैलरी काबिलियत के अनुसार मिलती है।

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