टाटराहाटिग व आजाद बस्ती में पेयजल को लेकर मची हाय-तौबा

गर्मी के मौसम में प्रखंड मुख्यालय से सटे आजाद बस्ती व टाटराहाटिग के सैकड़ों परिवारों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 07:24 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 07:24 PM (IST)
टाटराहाटिग व आजाद बस्ती में पेयजल को लेकर मची हाय-तौबा
टाटराहाटिग व आजाद बस्ती में पेयजल को लेकर मची हाय-तौबा

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : गर्मी के मौसम में प्रखंड मुख्यालय से सटे आजाद बस्ती व टाटराहाटिग के सैकड़ों परिवारों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। लोग सुबह से ही बस्ती में पंचायत मुखिया फंड से निर्मित सोलर जलमीनार में पानी लेने के लिए कतार लगाना शुरू कर देते हैं कि कहीं उन्हें पेयजल से वंचित न होना पड़े। पूर्व में टाटराहाटिग एवं आजाद बस्ती में पेयजल जैसी समस्या को देखते हुए बस्ती वासियों के निवेदन पर टाटा स्टील की ओर से अमृत जल धारा योजना के तहत बोरिग कराकर पंप हाउस के माध्यम से घरों तक पेयजल आपूर्ति की जा रही थी। इसकी देखरेख के लिए एक समिति भी बनाई गई है। इससे दोनों बस्ती वासियों को पेयजल की समस्या से काफी हद तक राहत मिल रही थी, लेकिन अमृत जल धारा योजना के करीब 20-25 वर्ष गुजर जाने के कारण वर्षो पुराने लगे पाईप के सड़ कर टूटने के कारण कई जगह से पानी लीकेज हो रहा है। विशेषकर आजाद बस्ती के नीचे टोला के दर्जनों परिवारों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। फलस्वरूप इन लोगों को भी सोलर जलमीनार के भरोसे रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अमृत जल धारा योजना में प्रत्येक घरों से मासिक शुल्क वसूले जाने के बावजूद उन्हें पानी आपूर्ति से वंचित रखा जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि टाटरा हाटिग एवं आजाद बस्ती के अधिकांश लोगों द्वारा बड़े और शक्तिशाली मोटर पंप का इस्तेमाल कर पानी का अधिकांश हिस्सा खींच लिए जाने के कारण गरीबों के घरों तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। दोनों बस्ती के लोगों ने टाटा स्टील प्रबंधन से अमृत जल धारा योजना के पुराने और जर्जर हो चुके पाइप लाइन को बदलवाने की मांग की है।

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