पीपीई किट खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच रिपोर्ट पहुंची उपायुक्त दरबार

पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में कोरोना काल में पीपीई किट की खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच से संबंधित रिपोर्ट उपायुक्त के दरबार में पहुंच गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:44 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:44 PM (IST)
पीपीई किट खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच रिपोर्ट पहुंची उपायुक्त दरबार
पीपीई किट खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच रिपोर्ट पहुंची उपायुक्त दरबार

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में कोरोना काल में पीपीई किट की खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच से संबंधित रिपोर्ट उपायुक्त के दरबार में पहुंच गई है। जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद प्रशासन इस संबंध में आगे की कार्रवाई करेगा। मामले में आदित्यपुर की इमेज इंडिया कंपनी पर भी कार्रवाई हो सकती है। दरअसल, अस्पताल में पीपीई किट की आपूर्ति के लिए एल-1 इमेज इंडिया को ही चुना गया था मगर इमेज इंडिया से पीपीई किट खरीदने के बजाय अस्पताल प्रबंधन ने नियम विरुद्ध जाकर रांची की आरुषि इंटरप्राइजेज को किट की आपूर्ति का अधिकार दे दिया था। साथ ही साथ इस मद में 10 लाख 500 रुपये का भुगतान भी कंपनी को कर दिया था। मामले में हेल्थ नोडल एजाज अनवर ने एल-1 की गई इमेज इंडिया के सप्लायर से पिछले दिनों पूछताछ की थी। इस संबंध में पूछे जाने पर इमेज इंडिया के ठेकेदार दिनेश शर्मा ने कहा कि, मैंने इस विषय में सारी जानकारी हेल्थ नोडल को दे दी है। पीपीई किट की आपूर्ति के लिए टेंडर मुझे ही मिला था मगर विभाग ने सप्लाई का ऑर्डर मुझे नहीं दिया। अप्रैल माह में मेरा एक्सीडेंट हो गया था। उस दरम्यान अस्पताल प्रबंधन की ओर से मुझसे मेरा लेटर पैड मांगा गया था। मैंने सादा लेटर पैड भिजवा दिया था। मेरी कंपनी के नाम से लेटर पैड डाटा सेल के कंप्यूटर से जांच टीम को मिला है। मेरे लेटर पैड का उपयोग कहां और किस उद्देश्य से किया गया, यह मुझे नहीं पता।

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आरुषि इंटरप्राइजेज को मैं नहीं जानता : दिनेश शर्मा

इमेज इंडिया के सप्लायर दिनेश शर्मा ने कहा कि हम लोग बहुत छोटे सप्लायर हैं। पिछले 3-4 साल से सदर अस्पताल में सामग्री की आपूर्ति कर रहा हूं। कोरोना काल में मुझे केवल दो सामग्री की आपूर्ति का आर्डर मिला था। मेरी जगह पीपीई किट की आपूर्ति करने वाली आरुषि इंटरप्राइजेज नामक कंपनी से मेरा कोई संपर्क नहीं है। मैं इस कंपनी के विषय में कुछ नहीं जानता। मैंने इस कंपनी के नाम से किसी तरह का आथराइजेशन लेटर भी नहीं दिया है।

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सात दिन में देनी थी रिपोर्ट, 36 दिन में की तैयार

दैनिक जागरण में 18 अक्टूबर के अंक में पीपीई किट की खरीदारी में फर्जीवाड़ा शीर्षक से प्रकाशित खबर को उपायुक्त अरवा राजकमल ने संज्ञान में लेकर हेल्थ नोडल एजाज अनवर के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया था। जांच टीम को सात दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था। जांच टीम ने 36 दिन की लंबी जांच के बाद अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी है।

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अभियान निदेशक ने डीसी से जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने को लिखा पत्र

उपायुक्त अरवा राजकमल ने जांच शुरू होने के बाद मामले में प्रथम दृष्टया आरोपित पाए गए जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज कुमार यादव को जिला से स्थानांतरण करने की अनुशंसा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक से की थी। अभियान निदेशक ने 27 अक्टूबर को नीरज को जिले से विरमित करते हुए रांची बुला लिया था। इधर, जांच रिपोर्ट आने में विलंब होने पर अभियान निदेशक ने उपायुक्त व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर शीघ्र जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था ताकि अग्रेतर विभागीय कार्रवाई की जा सके।

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कोरोना काल में खरीदी गई पीपीई किट व अन्य सामग्री से संबंधित जांच कर जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। जांच रिपोर्ट का मंगलवार को पुन: अवलोकन किया गया है। जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

- अरवा राजकमल, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम।

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