आदिवासी विधायक सामूहिक इस्तीफा दें : सालखन

जागरण संवाददाता, चाईबासा : झारखंड में बदहाली होना अधिकांश आदिवासी सांसद व विधायक दोषी है

By Edited By: Publish:Wed, 07 Dec 2016 03:09 AM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2016 03:09 AM (IST)
आदिवासी विधायक सामूहिक इस्तीफा दें : सालखन

जागरण संवाददाता, चाईबासा : झारखंड में बदहाली होना अधिकांश आदिवासी सांसद व विधायक दोषी हैं। झारखंड राज्य गठन के बाद 14 साल तक आदिवासी मुख्यमंत्री बने और विपक्ष में भी आदिवासी विधायक बने रहे लेकिन फिर भी स्थिति जस की तस बनी रही। झारखंड की सभी पार्टियां सिर्फ मुद्रा केंद्रित राजनीतिक किया मुद्दा केंद्रित नहीं। यही कारण कि आज जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह बातें स्थानीय र¨वद्र भवन में झारखंड दिशोम पार्टी एवं आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से आयोजित झारखंडी जन जागरण सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कही। उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन और गलत डोमिसाइल को लेकर जनता में आक्रोश है। पक्ष और विपक्ष की यह लड़ाई राजनीतिक कुश्ती है। यहां के नेतागण जनता को समझाने की जगह वोट की राजनीति कर रहे तथा 2019 में होने वाली चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। बंदी-नाकेबंदी, रैली-महारैली, पुतला दहन, राज्यपाल-राष्ट्रपति को ज्ञापन देने आदि से कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आएगा। आदिवासी समाज का पार्टियों, संगठनों, जाति, धर्म आदि के बंधन से थोड़ा ऊपर उठकर एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है। सभी आदिवासी विधायक मिल बैठकर तुरंत समाधान निकालें अन्यथा सामूहिक इस्तीफा देकर सरकार, टीएसी विधानसभा को गिरा दें। प्रमुख विपक्षी दल और झारखंडी दल होने के नाते झामुमो के सभी विधायक सामूहिक इस्तीफा देकर झारखंडी जन के बीच वापस आकर अनिश्चितकालीन असहयोग जनांदोलन खड़ा करें। चूंकि टीएसी विधानसभा में रहकर भी वे समाधान नहीं दे पा रहे हैं। इस्तीफा देकर जन आंदोलन को ऊर्जा देंगे तो 6 माह के भीतर फिर विधानसभा में निश्चित वापस आएंगे। मौके पर सूबेदार बिरूवा, विनोद गोप, गुरा ¨सकु, मंगल पाड़ेया, जूनियर मुर्मू, बिमो मुर्मू समेत काफी संख्या में समर्थक उपस्थित थे।

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