Chaibasa Triple Murder: बुजुर्ग दंपती और पोते की हत्या के 15 दिन पहले ही पड़ोसी ने खोद ली थी कब्र; 4 गिरफ्तार

Chaibasa Triple Murder चाईबासा के तांतनगर ओपी के सिदमा गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि पड़ोसी ने ही वारदात को अंजाम दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 10 Dec 2022 10:00 AM (IST) Updated:Sat, 10 Dec 2022 10:00 AM (IST)
Chaibasa Triple Murder: बुजुर्ग दंपती और पोते की हत्या के 15 दिन पहले ही पड़ोसी ने खोद ली थी कब्र; 4 गिरफ्तार
Chaibasa Triple Murder: एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या मामले में छह माह बाद चार गिरफ्तार

चाईबासा, संवाद सहयोगी। तांतनगर ओपी के सिदमा गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की पूरी कहानी कई माह पहले ही रच ली गई थी। साथ ही हत्या कर दफनाने को कब्र भी 15 दिन पहले ही तैयार कर ली गयी थी। यह पूरी कहानी किसी क्राइम पेट्रोल सीरियल से कम नहीं है। सिदमा गांव का 60 वर्षीय जगदीश रजक अपने परिवार के साथ रहता था। उसके साथ पत्नी शारदा देवी व 17 वर्षीय पोता राज रजक रहता था जबकि बेटे की मौत कुछ साल पहले हुई थी।

इससे परिवार काफी परेशान और पूजा पाठ में ज्यादा ही विश्वास करने लगे थे। इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले विकास बेहरा को अच्छे से थी। उसके बाद विकास ने अपनी दोनों पत्नी समेत सहयोगियों के साथ मिल कर पूरे परिवार की हत्या की रणनीति तैयार कर ली। इसके तहत पूरे परिवार को लापता घोषित कर उनकी जमीन पर कब्जा करना मकसद था।

सहयोगी को पुजारी बनाकर भेजा घर

हत्या करने की पूरी रणनीति के साथ पड़ोसी विकास बेहरा अपने दोस्त को जगदीश रजक के पास पहले पुजारी बना कर भेजा फिर उनको घर में पूजा कराने की सलाह दी। इसके बाद हत्या वाले दिन 22 मई की रात में घर पर पूजा करने की तैयारी की गई। सभी पूजा करने के लिए घर में मौजूद थे। इसी दौरान मौका देखकर घर में ही तीनों की हत्या कर दी गई। हत्या के बाद विकास के छोटा हाथी में तीनों के शव को रख कर मुफस्सिल थाना के छोटा लगिया में दफना दिया गया।

हत्या के 15 दिन पहले ही छोटा लगिया जंगल में तैयार कर ली थी कब्र

जगदीश रजक के परिवार को हत्या कर कैसे घटना स्थल से लगभग 50 किलो मीटर दूर दफनाना है, इसकी तैयारी पहले ही करते हुए मुफस्सिल थाना के छोटा लगिया जंगल में एक गड्ढा खोद कर तैयार कर ली गयी थी। हत्या करने की रात को ही तीनों को छोटा हाथी वाहन में लाद कर तांतनगर से चाईबासा होते हुए छोटा लगिया के पहले से तैयार जंगल ले जाया गया।

वहीं रात में ही तीनों के शव को दफना कर वापस अपने घर लौटे आये। उसके बाद पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए के जगदीश के मोबाइल को ओडिशा के खिचिंग में फेंक दिया था जिससे पुलिस का ध्यान ओडिशा की ओर चला जाये। इसके बाद जगदीश के पूरे परिवार के साथ गायब होने की जानकारी सभी को हुई तो विकास बेहरा अपने परिवार के साथ घर छोड़ कर गायब हो गया।

समिति से पैसा लेने आयी दोनों पत्नी पुलिस के जाल में फंसी

विकास बेहरा की दोनों पत्नी सुष्मीता बेहरा व पार्वती बेहरा महिला समिति से जुड़ी हुई थी। हत्या के बाद फरार होने से पहले दोनों महिला समिति से 30-30 हजार रुपये ले रखा था। साथ ही विकास बेहरा अपने छोटा हाथी को भी 2 लाख रुपये में बेच दिया था। उसी पैसा से वह पहले ओडिशा गया। इसके बाद छत्तीसगढ़ में रहने लगा। जब पैसे की कुछ कमी हुई तो दोनों पत्नी महिला समिति से पैसा लेने के लिए पहुंची थी।

उसकी जानकारी पुलिस को पहले से ही थी। इसके बाद पुलिस ने पूरी रणनीति तैयार कर विकास के दोनों पत्नी व दोनों सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया। विकास ने यह सोच कर घटना को अंजाम दिया था कि 10-12 साल बाहर रहने के बाद पुलिस का मामला खत्म हो जायेगा। उसके बाद जगदीश रजक की पूरी जमीन हड़प ली जायेगी।

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