ई-कोलाई बैक्टीरिया से फूड प्वाइजनिग का शिकार हुई थी कस्तूरबा की छात्राएं

सदर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 250 से ज्यादा छात्राओं के बीमार होने की वजह फूड प्वाइजनिग ही थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 08:56 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 08:56 PM (IST)
ई-कोलाई बैक्टीरिया से फूड प्वाइजनिग का शिकार हुई थी कस्तूरबा की छात्राएं
ई-कोलाई बैक्टीरिया से फूड प्वाइजनिग का शिकार हुई थी कस्तूरबा की छात्राएं

जागरण संवाददाता, चाईबासा : सदर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 250 से ज्यादा छात्राओं के बीमार होने की वजह फूड प्वाइजनिग ही थी। इसकी पुष्टि हो गयी है। फूड एंड सेफ्टी विभाग के सूत्रों ने बताया कि फूड प्वाइजनिग का कारक ई-कोलाई नामक बैक्टिरिया है। जांच के लिए भेजे गये स्टूल और उल्टी के सैंपल में ई-कोलाई बैक्टिरिया देखने को मिला है। 14 फरवरी की अहले सुबह कस्तूरबा स्कूल की छात्राएं अचानक उल्टी व दस्त से बीमार हो गयीं थी। इधर, फूड प्वाइजनिग का कारण जानने के लिए जिला प्रशासन की ओर से गठित जांच टीम ने विद्यालय से फूड सैंपल लेकर जांच के लिए फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट भेजे थे। रांची से फूड सैंपल की रिपोर्ट बुधवार को चाईबासा आ गयी है। बताया जा रहा है कि ईडली बनाने वाले पाउडर में तीन कीड़े मिले हैं। चावल, मसाला व सूजी में कोई आपत्तिजनक मिलावट नहीं पायी गयी है। विशेषज्ञों के अनुसार ईडली बनाने वाले पाउडर में जो कीड़े मिले हैं, वो फूड प्वाइजनिग का कारण नहीं हैं। हालांकि विस्तृत जांच रिपोर्ट का खुलासा अभी प्रशासन ने नहीं किया है। संभवत: गुरुवार को प्रशासन पूरी जांच रिपोर्ट का खुलासा कर देगा। फूड इंस्पेक्टर की मानें तो विद्यालय में खाद्य सामग्रियों का बेहतर प्रबंधन नहीं किये जाने के कारण ही पहले सूजी और अब ईडली पाउडर में कीड़े मिले हैं। विद्यालय को जरूरत के अनुरूप ही खाद्यान्न मंगाकर स्टोर करना चाहिए मगर ऐसा नहीं हो रहा है।

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आज आयेगी पानी की जांच रिपोर्ट

जिला प्रशासन ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पीने के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी का बेक्टीरियल टेस्ट कराने के लिए सैंपल एमजीएम अस्पताल भेजा था। इसकी रिपोर्ट भी गुरुवार को आ जायेगी। जिस टंकी में छिपकली पायी गयी थी उसी टंकी का पानी सीधे रसोई में जाता है। उसका एक स्त्रोत और भी है। संभावना जतायी जा रही है कि छिपकली मरने के कारण पानी विषाक्त हो गया होगा। विद्यालय प्रबंधन को इसका पता नहीं चला और उसी पानी से भोजन पकाया गया। कुछ बच्चों ने यह भी बताया कि एक्वागार्ड की जगह सीधा नल से उन लोगों ने पानी पिया था। इस वजह से भी फूड प्वाइजनिग की संभावना जतायी जा रही है। पानी की जांच रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो जायेगा।

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