टंगराई में वन सीमांकन कर पर्यावरण रक्षा का लिया संकल्प

मंझारी प्रखंड के टंगराई ग्राम सभा के अंतर्गत अवस्थित वन भूमि का शुक्रवार को सीमांकन किया गया। इसकी चौहदी उत्तर में इपिल¨सगी, दक्षिण में जंागीबुरू, पूर्व में पांगा, पश्चिम में डेबराबीर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jan 2019 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jan 2019 07:59 PM (IST)
टंगराई में वन सीमांकन कर पर्यावरण रक्षा का लिया संकल्प
टंगराई में वन सीमांकन कर पर्यावरण रक्षा का लिया संकल्प

जागरण संवाददाता, चाईबासा : मंझारी प्रखंड के टंगराई ग्राम सभा के अंतर्गत अवस्थित वन भूमि का शुक्रवार को सीमांकन किया गया। इसकी चौहदी उत्तर में इपिल¨सगी, दक्षिण में जंागीबुरू, पूर्व में पांगा, पश्चिम में डेबराबीर है। वन विभाग के प्रतिनिधि के रूप में वनपाल तथा स्थानीय वनरक्षियों की उपस्थिति में इसका सीमांकन ग्राम गणराज्य ग्राम सभा, टंगराई और सामुदायिक वन पालन समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। सीमांकन से पहले ग्राम इलाका मानकी दिनेश चंद्र तामसोय, स्थानीय दिउरियों और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में ढोल-नगाड़ा और पारंपरिक हथियार के साथ जुलूस निकला गया। जुलूस में शामिल ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता 'ओते हासा अबुआ, बीर बुरू अबुआ', 'अबुआ हातू रे, अबुआ राज', 'जल, जंगल, जमीन हमारा है', वन अधिकार लागू करो, जंगल जीविका का स्त्रोत है हम इसकी रक्षा करेंगे, समेत कई नारे लगा रहे थे। जुलूस टंगराई गांव से पुकरीपी, डेबराबीर होते हुए पैदल चलकर करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हुए टंगराई देव स्थल में सीमांकन का बोर्ड स्थापित किया गया और जंगल को बचाने का संयुक्त रूप से संकल्प लिया गया। जुलूस में ढोल और नगाड़े की थाप पर नाचते हुए लोग सभास्थल पहुंचे जहां जुलूस सभा में बदल गया। सभा की अध्यक्षता इलाका मानकी दिनेशचंद तामसोय और संचालन प्रकाश तामसोय तथा बलभद्र होनहागा ने किया। सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जेजेबीए के कोल्हान प्रभारी सोहन लाल कुम्हार ने वनाधिकार कानून, 2006 के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा प्रबंधन के बारे में सुझाव दिया। उसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम गागराई ने आदिवासियों की आजीविका के मुख्य स्त्रोत जंगल को बचाने पर जोर दिया। सभा में 15 सदस्यीय सामुदायिक वन पालन समिति का गठन हुआ। इसका अध्यक्ष जेनाराम दोराईबुरू, सचिव शिवकर संवैंया और कोषाध्यक्ष फुलमनी दोराईबुरू को सर्वसम्मति से चुना गया। सदस्य के रूप में सिदुउ दोराईबुरू, जान्डोए दोराईबुरू, लखन बोयपाई, राम संवैंया, मंगल ¨सह दोराईबुरू हैं।

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