हो संग्रहालय शोध कार्य की दृष्टिकोण से खासा उपयोगी : पॉल स्ट्रेमर
नीदरलैंड के इतिहासकार एवं झारखंड के हो जनजातीय जीवन का अध्ययन कर रहे पॉल स्ट्रेमर ने मझगांव प्रखंड के मध्य विद्यालय देवधर में स्थापित हो जनजातीय जीवन दर्शन व संस्कृति पर आधारित संग्रहालय का अवलोकन करने पहुंचे।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : नीदरलैंड के इतिहासकार एवं झारखंड के 'हो' जनजातीय जीवन का अध्ययन कर रहे पॉल स्ट्रेमर ने मझगांव प्रखंड के मध्य विद्यालय, देवधर में स्थापित हो जनजातीय जीवन दर्शन व संस्कृति पर आधारित संग्रहालय का अवलोकन करने पहुंचे। खोज प्रवृत्ति के स्ट्रेमर संग्रहालय की चीजों को देखने के बाद काफी संतुष्ट हुए और उसके निर्माण की परिकल्पना को साकार करने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों की खूब सराहना की। कहा कि संग्रहालय में रखी चीजें शोध कार्य की दृष्टिकोण से खासा उपयोगी हैं और आने वाली नई पीढ़ी के लिए अपनी सांस्कृतिक विरासत संजोकर रखने में सहायक सिद्ध होगी। मौके पर स्ट्रेमर ने बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किए और नीदरलैंड की दर्शनीय स्थलों से संबंधित फोटोयुक्त केलैंडर भेंट किया। इससे पूर्व देवधर विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षक शिक्षिकाओं व ग्रामीणों ने आदिवासी परंपरा के अनुसार उनका स्वागत और विदा किया गया। इस मौके पर जमशेदपुर के 'हो' भाषा के प्रचारक कृष्ण चन्द्र सुंडी, आईएएस विद्यार्थी आभा किरण सिकु,खूंटपानी की शिक्षिका नीता तियू, मेनंती पिगुवा, सुपाय पिगुवा, जगदीश सावैयां, देवधर ग्राम के मुंडा, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, बाल संसद के सदस्य आदि मौजूद थे।