इस गांव में घुसना है तो पहले साबुन से धोना होगा हाथ-पैर

कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के बाईहातु पंचायत अंतर्गत लखीमपोसी गांव के ग्रामीण ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए दूसरे राज्य से वापस आ रहे लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 08:03 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 08:03 PM (IST)
इस गांव में घुसना है तो पहले साबुन से धोना होगा हाथ-पैर
इस गांव में घुसना है तो पहले साबुन से धोना होगा हाथ-पैर

संवाद सूत्र, कुमारडुंगी : कुमारडुंगी थाना क्षेत्र के बाईहातु पंचायत अंतर्गत लखीमपोसी गांव के ग्रामीण ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए दूसरे राज्य से वापस आ रहे लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। इतना ही नहीं दूसरे गांव के लोगों को भी गांव में घुसने से पहले साबुन से हाथ-पैर धुलवाया जा रहा है। इसके लिए लखीमपोसी गांव की सीमा पर संध्या तारा क्लब लखीमपोसी के द्वारा बांस का बेरियर लगाया गया है। यहां घंटे के हिसाब से क्लब के दो लोग पहरा देते हैं। इनमें वार्ड सदस्य रमेश बेहरा, क्लब के सदस्य सलेन बेहरा, विक्की बेहरा, प्रमोद बेहरा, भुवन बेहरा, अजीत बेहरा, कीर्तन बेहरा, रितीक बेहरा, मोनु कुम्हार, राजेन्द्र कुम्हार, विसकेशन कुम्हार, गौरोमोहन बेहरा, सुरेश नायक, गिरी नायक शामिल हैं। पहरा देने के दौरान गांव वाले फिजिकल डिस्टेंस पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। एक-दूसरे से 5 मीटर की दूरी बनाकर लोग खड़े रहते हैं। बेरियर के सामने ही बाल्टी में पानी व साबुन रखा गया है। इसमें कोई भी हो चाहे वो गांव का ही व्यक्ति क्यों न हो पर उसे गांव में घुसने से पहले अपना मुंह ढंकना होगा। साथ ही साबुन से हाथ-पैर धोने होंगे।

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दूसरे राज्यों से आए लोगों को 15 दिनों तक रहना होगा क्वारंटाईन

लखीमपोसी गांव के संध्या तारा क्लब के अध्यक्ष प्रकाश बेहरा ने बताया की कोरोना वायरस से बचाव के लिए गांव पूरी तरह से लॉकडाउन है। लोग घर से बाहर बिना कारण के नहीं निकल रहे हैं। आसपास के गांव से पता चला कि दूसरे राज्यों में काम करने गए सभी लोग कोरोना संक्रमण के डर से अपने गांव वापस आ रहे हैं। लखद्धमपोसी गांव से भी कई लोग बाहर काम करने गए है। ऐसे राज्यों में काम कर रहे जहां कोरोना से संक्रमित लोग अधिक है। इसलिए हम लोगों ने गांव के बाहर बेरियर लगा दिया है कि कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो कर गांव में प्रवेश ना करे। बाहर से आने वाले लोग पहले मेडिकल जांच करवाएं। उसके बाद 15 दिनों तक गांव के स्कूल में रहना होगा। उसके बाद ही गांव में प्रवेश कर सकता है।

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