कोरोना प्रतिबंध के बीच डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी छठव्रती
नहाय-खाय के साथ कोरोना प्रतिबंध के बीच शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व की तैयारी अब अंतिम चरण में है। राजधानी भुवनेश्वर एवं कटक में सरकार की तरफ से सामूहिक स्थल पर छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाए जाने से लोग अपने-अपने घरों के बाहर एवं छतों के ऊपर कुंड बनाकर अस्तचलगामी एवं उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की तैयारी किए हुए हैं।
जासं, भुवनेश्वर : नहाय-खाय के साथ कोरोना प्रतिबंध के बीच शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ पर्व की तैयारी अब अंतिम चरण में है। राजधानी भुवनेश्वर एवं कटक में सरकार की तरफ से सामूहिक स्थल पर छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाए जाने से लोग अपने-अपने घरों के बाहर एवं छतों के ऊपर कुंड बनाकर अस्तचलगामी एवं उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की तैयारी किए हुए हैं। वहीं जिनके पास अपने घर पर छठ महापर्व की विधि पालन करने की व्यवस्था नहीं है ऐसे काफी संख्या में छठव्रती बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश स्थित अपने पैतृक गांव चले गए हैं।
केन्द्रीय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक एवं लेखक अशोक पांडेय ने दैनिक जागरण से बातें करते हुए कहा कि सूर्योपासना का यह महापर्व प्रकृति प्रेम, प्रकृति पूजा और प्रकृति भक्ति का पावन संदेश देता है। आइए, हम सब प्रकृति के संग में रहकर छठ के महत्व को अपने जीवन में उतारें और हर तरह से प्रकृति के संरक्षण का भरपूर प्रयास करें। पांडेय ने बताया कि चार दिवसीय छठ महापर्व का मंगलवार को दूसरे दिन खरना संपन्न हुआ है। आज सायंकाल डूबते हुए सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा और चौथे दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ व्रत धारी अपने व्रत को तोड़ेंगे। ठेकुआ प्रसाद आदि का सेवन करेंगे। श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी महारूद्र झा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि इस बार शाम 4:30 से डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद दूसरे दिन 11 नवंबर को सुबह छह बजे से उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस साल भी हमने अपने घर की छत के ऊपर विशाल टैंक की व्यवस्था की है, जिसमें एक साथ 8 से 10 छठ व्रती पानी में रह सकेंगी और पूजा विधि सम्पन्न कर सकेंगी। पिछले साल की तरह इस साल भी यहां पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए समाज के कई गणमान्य लोग भाग लेंगे।
इसके अलावा एचआईजी हाउसिग बोर्ड कालोनी, बरमुंडा स्थित इंजीनियर राजकुमार के घर के छत के ऊपर, यूनिट-3 राममंदिर के पीछे महारूद्र झा के घर की छत के ऊपर, बीजेबी नगर में डीके. सिंह के घर के बाहर कुंड का निर्माण किया गया है, जिसमें आस-पास की छठव्रती पहुंचकर डूबते एवं उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। इसके अलावा अन्य राजधानी में रहने वाले लोग अपने अपने घरों में छतों के ऊपर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की व्यवस्था किए हुए हैं।