एसीसी प्रबंधन ने जमीन मालिकों के साथ हमेशा से किया विश्वासघात : जॉन मिरन मुंडा

अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के बैनर तले एसीसी सीमेंट कारखाना झींकपानी को नया लीज का विरोध दर्ज कराने के लिए रैयतों ने टोंटो अंचलाधिकारी को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 08:16 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 08:16 PM (IST)
एसीसी प्रबंधन ने जमीन मालिकों के साथ हमेशा से किया विश्वासघात : जॉन मिरन मुंडा
एसीसी प्रबंधन ने जमीन मालिकों के साथ हमेशा से किया विश्वासघात : जॉन मिरन मुंडा

जागरण संवाददाता, चाईबासा : अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा के बैनर तले एसीसी सीमेंट कारखाना झींकपानी को नया लीज का विरोध दर्ज कराने के लिए रैयतों ने टोंटो अंचलाधिकारी को शुक्रवार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से महासभा केंद्रीय अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि एसीसी प्रबंधन झींकपानी शुरू से ही जमीन मालिकों के साथ विश्वासघात करते आ रहा है। इसका नतीजा यह है कि 70 साल बाद भी हम सभी जमीन मालिक गरीबी में जिदगी गुजर-बसर कर रहे हैं। आज कोंदवा, दोकट्टा, राजंका व नीमडीह के जमीन मालिकों की हालत को देखा जा सकता हैं। हम सभी जमीन मालिकों को पुलिस प्रशासन का डर दिखाकर लूट होते आ रहा है और अब नया लीज लेने के लिए कुछ लोगों को ही नौकरी देने की तैयारी की जा रही है। जबकि बहुत से जमीन मालिक इससे प्रभावित हैं। एसीसी कारखाना की ओर से शुरू से आदिवासी जमीन को लीज के नाम पर लूटकर उन्हें भूमिहीन बनाते जा रहा हैं। बदले में आज उनके विकास के लिए रोजगार एवं मुआवजा नहीं देने की वजह से उनकी स्थिति बद से बदतर है और रोजगार पाने के लिए दर-छर भटक रहे हैं। कंपनी प्रबंधन हमेशा फूट डालो शासन करो के तर्ज पर कुछ लोगों को नौकरी देकर आपस में विवाद पैदा करती हैं, जो अंग्रेजों का शासनकाल को याद दिलाते हैं। अगर पांचवीं अनुसूची के तहत समता जजमेंट के फैसले पर जमीन मालिकों को न्याय दिया जाता तो आज जमीन मालिकों का यह हालत नहीं होता। ज्ञापन में गांधी टूटी, अमर कुमार टूटी, सिदिऊ लागुरी, रघुनाथ मुंडा, चम्पाय मुंडा, मुक्ता मुंडा, बुकना हेस्सा, पोदना पाड़ेया, दामू पुरती, मोरन सिंह लागुरी, मोचीराम लागुरी, प्रताप सवैया, लेबेया हेस्सा, संदीप सवैया आदि के हस्ताक्षर शामिल हैं।

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