नौवीं पास झारखंड के भरत इस तरह नींबू विक्रेता से बने कंपनी के मालिक

झारखंड के छोटे शहर सिमडेगा के भरत ने कड़ी मेहनत के दम पर कारोबार की लंबी उड़ान भरी है।

By Edited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 11:28 PM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 10:59 AM (IST)
नौवीं पास झारखंड के भरत इस तरह नींबू विक्रेता से बने कंपनी के मालिक
नौवीं पास झारखंड के भरत इस तरह नींबू विक्रेता से बने कंपनी के मालिक

सिमडेगा, वाचस्पति मिश्र। अगर इरादा मजबूत हो तो छोटे शहर से भी लंबी उड़ान भरी जा सकती है। सिमडेगा (झारखंड) के भरत प्रसाद ने यह साबित किया है। नौवीं पास मगर इरादे से मजबूत। कभी बाजार में नींबू का स्टॉल लगाते थे, एक दशक में ही अपनी कंपनी बना ली और कोई डेढ़ दर्जन लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे दिया है। सैकड़ों सब्जी-फल वालों का नेटवर्क है, जिनका धंधा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इनके सहयोग से चलता है। दूसरे राज्यों से माल मंगवाते हैं और सिमडेगा के साथ विभिन्न जिलों में भेजते हैं। एक दशक पहले की बात है। पारिवारिक परिस्थितियों के कारण भरत की माली हालत काफी बिगड़ गई थी। नौवीं से आगे नहीं पढ़ सके।

सिमडेगा के बाजार में स्टॉल लगाकर नींबू बेचने लगे। 300-400 रुपये की आमदनी रोज हो जाती थी। मगर यह घर के लिए पर्याप्त नहीं था। इरादा भी बड़ा था। बस अपनी धुन में लग गए। फल और सब्जी के बाजार में अपना संपर्क विस्तार किया। कारोबार बढ़ता गया तो 2011 में बीकेएन वेजिटेबल एंड फ्रूट नामक कंपनी बना ली। कनार्टक, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ व बिहार से ऑफ सीजन की सब्जिया-फल मंगवाकर सिमडेगा के साथ राची, धनबाद और बिहार के औरंगाबाद व अन्य जगहों में आपूर्ति करने लगे। सिमडेगा से कटहल और जामुन की आपूर्ति बाहर करने लगे। कारोबार बढ़ा तो सहयोग के लिए करीब डेढ़ दर्जन लोगों को अपनी कंपनी से जोड़ लिया। सैकड़ों की संख्या में खुदरा कारोबारी उनसे जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। छोटे शहर में भरत ने स्टार्ट-अप का बेहतर नमूना पेश किया है। आज उनकी पहचान शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी के रूप में है।

भरत फिलहाल बेंगलुरु व नासिक से टमाटर मंगवा रहे हैं। पुणे से प्याज, रायपुर से करेला, भिंडी व लौकी, भिलाई से शिमला मिर्च, कोलकाता से परवल व नासिक से संतरा मंगवाकर बाजार में आपूर्ति कर रहे हैं। बहुत कुछ करने का माद्दा-इरादा : घर की परिस्थितियों के कारण नौवीं कक्षा तक ही पढ़ सका। घर संभालने के लिए बाजार में स्टॉल लगाकर नींबू बेचने लगा। जरूरत अधिक की थी, बस इरादा बनाया और धुन में लगा रहा। आज स्थिति आपके सामने है। अनेक लोगों का घर मेरे कारोबार से चल रहा है। अभी तो करीब 35 साल की उम्र है आगे बहुत कुछ करने का इरादा है - भरत प्रसाद

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