निर्माणाधीन स्थल पर नहीं रहते हैं इंजीनियर

संवाद सूत्र, आदित्यपुर : नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत मार्ग संख्या चार से मार्ग संख्या 28 तक एक करोड़ 77 ल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Dec 2018 01:47 AM (IST) Updated:Sun, 23 Dec 2018 01:47 AM (IST)
निर्माणाधीन स्थल पर नहीं रहते हैं इंजीनियर
निर्माणाधीन स्थल पर नहीं रहते हैं इंजीनियर

संवाद सूत्र, आदित्यपुर : नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत मार्ग संख्या चार से मार्ग संख्या 28 तक एक करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से बन रही सड़क निर्माण में भारी अनियमितता नजर आ रही है। स्थानीय लोगो की माने तो सड़क निर्माण में अनियमितता की शिकायत के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने संवेदक को घटिया सड़क निर्माण की छूट दे रखी है। निर्माण के कुछ ही दिनों बाद सड़कें टूटने लग रही हैं। सड़क की जगह सिर्फ गिट्टया नजर आ रही है। नियमानुसार सीमेंट- कंक्रिट की सड़क की आयु 25 साल मानी जाती है लेकिन चंद दिन में नई और पुरानी सड़क एक जैसी हो गयी है। कुछ दिन पहले जेई और संवेदक के बीच विवाद के बाद सड़क निर्माण की जाच भी करायी गयी थी। इसके बावजूद यहां निर्माण जारी है।

दूसरी ओर सड़क के ज्वाईंट पर सरिया का प्रयोग भी नहीं किया जा रहा है। तीन माह पूर्व निर्माण कार्य शुरू हुआ सड़क नई और पुरानी दोनों सड़कें एक जैसी हो गयी है।

विवाद के बाद जेई की हुई थी प्रतिनियुक्ति

सड़क निर्माण में विवाद होने के बाद दो जेई की देखरेख में सड़क निर्माण का आदेश मेयर ने दिया था। लेकिन सड़क निर्माण के समय जेई गायब रहते हैं। वहीं मामले को लेकर जेई ने टेलिफोन पर बताया कि वे नई योजनओं के स्टीमेट बनाने में व्यस्त है। इसलिए सड़क की देखरेख नहीं कर पा रहे है। लोगों की माने तो लगातार शिकायत और सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद विभागीय कार्रवाई नहीं होने पर संवेदक का मन बढ़ा हुआ है। घटिया निर्माण होते देख स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

नहीं हो रहा है बैचिंग प्लाट का इस्तेमाल

सड़क निर्माण में मैटेरियल बनाने के लिए बैचिंग प्लाट का इस्तेमाल किया जाना है। जबकि संवेदक मैनुअली मजदूरों से काम करवा रहा है।

एप्रोच की सड़क हो गयी है नीचे

सड़क और एप्रोच सड़क की उंचाई में करीब एक फीट का अंतर हो गया है। जिससे एप्रोच सड़क की ओर के मकानों का पानी नाली में जाना मुश्किल हो गया है। वहीं एप्रोच सड़क से आने-जाने वालों को दुर्घटना की संभावना है।

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