कंपनियां एनपीए नहीं हो लगातार हो रहा है प्रयास

संसू आदित्यपुर झारखंड को सर्वाधिक राजस्व देने वाले सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के लोगों की मंदी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Sep 2019 08:58 AM (IST) Updated:Tue, 10 Sep 2019 06:38 AM (IST)
कंपनियां एनपीए नहीं हो लगातार हो रहा है प्रयास
कंपनियां एनपीए नहीं हो लगातार हो रहा है प्रयास

संसू, आदित्यपुर : झारखंड को सर्वाधिक राजस्व देने वाले सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के लोगों की मंदी के कारण अलग-अलग व्यथा हैं। किसी को बैंक से एनपीए होने की खतरा है तो कोई आयडा के जियाडा बनने से परेशान है। रेंट, लेवी देने के बाद भी स्ट्रीट लाइटें नहीं जल रही हैं। ऑर्डर नहीं मिलने से कंपनियां मजदूरों को बैठा रही हैं ऐसे में लाचार मजदूरों की सवाल कि कब मिलेगी मंदी से राहत हालत? इनके सवालों के जवाब देने के लिए दैनिक जागरण, आदित्यपुर कार्यालय में रविवार को लघु उद्योग भारती के जिलाध्यक्ष रूपेश कतरियार मौजूद थे। कई सवालों के जवाब दिए तो कई सवालों को उचित प्लेटफॉर्म तक ले जाने का आश्वासन दिया। प्रस्तुत सवाल के कुछ अंश..।

जियाडा बनने से उद्यमियों की परेशानी बढ़ गई है। उद्यमियों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हो पा रहा है। आयडा के रहते यह परेशानी नहीं होती थी।

-गौतम महापात्रा, आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र फेज-3

जियाडा बनने के वक्त लघु उद्योग भारती ने इसका विरोध किया था, लेकिन पारदर्शिता के नाम झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (जियाडा) का गठन किया गया। उद्यमियों को परेशानी होगी तो लघु उद्योग भारती इसके लिए आवाज उठाएगा। आप परेशानी बताएं लघु उद्योग भारती उसके लिए पहल करेगी।

मंदी से बेरोजगारी बढ़ रही है। लघु उद्योग भारती इसके लिए क्या कर रही है।

-रंजन कुमार, बिरसा नगर

-एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी से लगातार लघु उद्योग भारती संपर्क में है। सरकार मंदी से निपटने की दिशा में लगातार पहल कर रही है। उम्मीद है बहुत जल्द इससे राहत मिलेगी।

आरआइटी मोड़ से लेकर ओवरब्रिज तक सड़क खराब है। सीवरेज लाइन बनाने के नाम पर काटने के बाद सड़कें बदहाल हो गयी हैं।

सपन कुमार, साई मेटल, फेज-3

जियाडा के क्षेत्रीय उपनिदेशक से इस मुद्दे पर बात हुई है। रेलवे के साथ कुछ समस्या है। जल्द ही इसका समाधान निकलेगा। औद्योगिक क्षेत्र में किसी को भी सड़क काटने नहीं दें। जो सड़कें काटी गई हैं उनकी मरम्मत के लिए प्रयास किया जा रहा है।

निगम क्षेत्र में कई जगहों पर स्ट्रीट लाइटे नहीं जल रही हैं। जिससे लगातार चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई हैं।

इशिका प्रतीक, मिनरल

-गंभीर समस्या है, इस बाबत पुलिस अधीक्षक और जियाडा के अधिकारियों से बात कर जल्द ही इस समस्या का समाधान का प्रयास किया जाएगा।

लीज रेंट, लेवी देने के बाद भी स्ट्रीट लाइट नहीं जल रहा है।

सौकत, फेज-2, आनंद कुमार फेज-6, ऑटो फाइबर

-हाल ही में इस समस्या को लेकर लघु उद्योग भारती ने जियाडा के क्षेत्रीय उपनिदेशक से मुलाकात की थी। उम्मीद है हफ्ते दस दिन में इस समस्या का समाधान हो जाए।

बड़ी कंपनियों के द्वारा छोटी कंपनियों के बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। भुगतान की व्यवस्था कराई जाए।

-श्रीराम, श्रीराम इंटरप्राइजेज, फेज-1

-आप कागजात के साथ मेरे पास आए हम आपके साथ चल कर इस मामले पर संबंधित कंपनी के अधिकारियों से बातचीत कर हल निकालेंगे।

मंदी में बैंक से राहत कैसे मिले, लघु उद्योग भारती क्या कर रही है? औद्योगिक क्षेत्र में लगी स्ट्रीट लाइटे नहीं जल रही हैं।

सत्येन्द्र पाल सिंह बिट्टू।

-सरकार इसी माह माइक्रो और लघु उद्योग के लिए घोषणा करने वाली है। हम लोग सरकार से बात कर प्रयास कर रहे हैं कि कोई भी कंपनी एनपीए नहीं हो। इसके लिए हमारी बात एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी से हुई है। स्ट्रीट लाइट जले इसका प्रयास किया जा रहा है।

-उद्यमियों के लिए आवासीय कालोनी कब बनेगी।

-शरद बजाज

जियाडा ने उद्यमियों के आवासीय कॉलोनी की जमीन इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिग क्लस्टर (इएमसी) को दे दी है। लघु उद्योग भारती चाहता है कि जियाडा उद्यमियों की कालोनी के लिए दूसरे जगह जमीन आवंटित करें। जिसका 20 साल से पैसा जमा है। इसके लिए जियाडा से बात की जाएगी।

मंदी में उद्योगों को वैकल्पिक बाजार उपलब्ध कराने के लिए लघु उद्योग भारती क्या कर रही है।

-राजीव शुक्ला

रेलवे, डिफेंस वैकल्पिक बाजार तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सरकार प्रयासरत है। इससे उद्यमियों को राहत मिलेगा। बीएस-6 मॉडल की गाड़ियां बनने लगेंगी तो मंदी से राहत मिलेगा।

क छ लोग कह रहे हैं कि मंदी गलत मैनेजमेंट के कारण आई है।

-देव व्रत सिंह आर्य, ग्रीन जोन फेज-7

-ऐसा नहीं है, जब सरकरी जब कोई निर्णय लेता है तो प्रारंभिक समय में थोड़ी परेशानी होती है, फिर सब सामान्य हो जाता है। मंदी का बादल भी बहुत जल्द छंटेंगे।

-भाटिया बस्ती में खाली जमीन पर उद्योग लगाई जा सकती है

पपाई चक्रवर्ती, भाटिया बस्ती।

-औद्योगिक क्षेत्र में ही आप कंपनी लगा सकते हैं।

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