नौ माह से 15 साल के बच्चे को लगेगा रूबेला टीका

जागरण संवाददाता, सरायकेला : बच्चों को 26 जून से खसरा व रूबेला बीमारी से बचाव के लिए टीकाक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Apr 2018 06:49 PM (IST) Updated:Sat, 28 Apr 2018 06:49 PM (IST)
नौ माह से 15 साल के बच्चे को लगेगा रूबेला टीका
नौ माह से 15 साल के बच्चे को लगेगा रूबेला टीका

जागरण संवाददाता, सरायकेला : बच्चों को 26 जून से खसरा व रूबेला बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में कार्यशाला आयोजित किया गया। कार्यशाला में जिले के सीएचसी व पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी, सीडीपीओ, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के चिकित्सा प्रभारी व अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. एसएन झा, डॉ. जे मांझी व डॉ. सुमन कंडोला ने उपस्थित चिकित्सकों को खसरा व रूबेला से बचाव के लिए बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण में टीकाकरण की विधि व सावधानी बरतने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया। यहां प्रशिक्षण लेने वाले चिकित्सा प्रभारी व चिकित्सकों द्वारा अब अपने अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में एएनएम व अन्य कर्मियों को विस्तृत प्रशिक्षण देंगे।

26 जून से शिविर लगाकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इसमें नौ माह से 15 वर्ष उम्र तक के बच्चों को टीका लगाया जाएगा। जिले में नौ से 15 वर्ष उम्र के करीब तीन लाख 32 हजार 850 बच्चे हैं। इसमें 70 प्रतिशत बच्चे स्कूल में दाखिल हैं। वहीं 30 प्रतिशत आंगनबाड़ी में नामांकित है। स्कूल व आंगनबाड़ी में निर्धारित तिथि के अनुसार शिविर लगाकर टीकाकरण किया जाएगा। खसरा व रूबेला बीमारी से बचाव के लिए नया टीका विकसित किया गया है। खसरा व रूबेला बीमारी से होने वाली मौत से बच्चों को टीका लगाकर बचाया जा सकता है। जिले में 95 प्रतिशत बच्चों को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्धारित लक्ष्य से कम बच्चों को होने पर टीकाकरण को असफल माना जाएगा। कोई छूटना बच्चा टीका से वंचित न रह जाए इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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खसरा (मिजिल्स) : यह वायरल बीमारी है जो खास कर छोटे बच्चों में ज्यादा होता है। शरीर में चक्कता होना, आंख से पानी निकलना, चेहरा लाल होना, बुखार आना आदि इसके प्रमुख लक्षण है। खसरा बीमारी के चपेट में आकर प्राय: छोटे बच्चों की मौत भी होती है। यह बीमारी ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा होती है, क्योंकि यह संक्रामक बीमारी है। ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश लोग सामूहिक रूप से नदी नाले में नहाना, कपड़ा धोना, पानी पीना आदि करते है, इससे बीमारी फैलने की अधिक संभावना रहती है।

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रूबेला : वैसी महिलाएं जिन्हें टीका गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण करने की मनाही रहती है। उनके बच्चों में रूबेला बीमारी होने की अधिक संभावना रहती है। रूबेला जन्मजात बीमारी है। यह किसी भी बच्चे को अपनी चपेट में ले सकती है। इसके चपेट में आकर बच्चों की मौत की संभावना अधिक रहती है, लेकिन टीकाकरण से बचाव किया जा सकता है।

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