रेलवे स्टेशन का नाम ओड़िया भाषा में अंकित करने की मांग

सरायकेला-खरसावां जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ओड़िया भाषा में नाम अंकित करने की मांग को लेकर उत्कल सम्मिलनी के सरायकेला-खरसावां जिला समिति के सदस्यों ने विधायक दशरथ गागराई को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से विधायक से सरायकेला-खरसावां जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ओड़िया भाषा में नाम अंकित कराने दिशा में पहल करने का आग्रह किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Jan 2022 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jan 2022 07:30 AM (IST)
रेलवे स्टेशन का नाम ओड़िया भाषा में अंकित करने की मांग
रेलवे स्टेशन का नाम ओड़िया भाषा में अंकित करने की मांग

संवाद सूत्र, खरसावां : सरायकेला-खरसावां जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ओड़िया भाषा में नाम अंकित करने की मांग को लेकर उत्कल सम्मिलनी के सरायकेला-खरसावां जिला समिति के सदस्यों ने विधायक दशरथ गागराई को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से विधायक से सरायकेला-खरसावां जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ओड़िया भाषा में नाम अंकित कराने दिशा में पहल करने का आग्रह किया गया। उत्कल सम्मिलनी की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि देश की आजादी के बाद से ही राजखरसावां, आदित्यपुर, बीरबांस, सीनी व गम्हरिया रेलवे स्टेशन पर स्टेशन का नाम हिदी, अंग्रेजी व ओड़िया भाषा में अंकित होता आ रहा है। परंतु हाल के दिनों में षडयंत्र के तहत इन रेलवे स्टेशनों के शिलापट्ट पर ओड़िया भाषा में लिखे स्टेशन के नाम को मिटा दिया गया है। इससे ओड़िया भाषी लोग मर्माहत हैं। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि ओड़िया भाषा को झारखंड सरकार ने पूर्व में राज्य के द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है। साथ ही भारत सरकार की ओर से ओड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा की मान्यता प्रदान की गई है। मौके पर उत्कल सम्मिलनी के जिला महासचिव सुशील कुमार षाडं़गी, सह सचिव सपन कुमार मंडल, चंद्रभानु प्रधान, भरत चंद्र मिश्रा, रंजीत मंडल, रश्मि रंजन मिश्रा आदि उपस्थित थे। झामुमो नेता विभीषण सरदार को दी गई श्रद्धांजलि : खरसावां के झामुमो कार्यालय में पार्टी के खरसावां प्रखंड के संगठन सचिव दिवंगत विभीषण सरदार को श्रद्धांजलि दी गई। ज्ञात हो कि 25 जनवरी की रात विभीषण सरदार का निधन हो गया था। इस दौरान दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। श्रद्धांजलि सभा में अर्जुन गोप, अरुण कुमार जामुदा, अनूप कुमार सिंहदेव, भावेश मिश्रा, ललन तिवारी, लालू हांसदा, राम हांसदा, दिलदार हेंब्रम, मो. दबंग, नगेन सोय, किकर नायक, दिनेश कैवर्त, सुरेश महंती, शंभू सरदार, कालीचरण बनरा, सोदा इचागुटू आदि उपस्थित थे।

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