समाज की उन्नति के लिए मुहब्बत का पैगाम जरूरी

सुपौल। मुख्यालय बाजार स्थित मदरसा अजवरुल उलूम के समीप मैदान में आयोजित दो दिवसीय मुशायरा सह क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Feb 2019 08:28 PM (IST) Updated:Thu, 28 Feb 2019 08:28 PM (IST)
समाज की उन्नति के लिए 
मुहब्बत का पैगाम जरूरी
समाज की उन्नति के लिए मुहब्बत का पैगाम जरूरी

सुपौल। मुख्यालय बाजार स्थित मदरसा अजवरुल उलूम के समीप मैदान में आयोजित दो दिवसीय मुशायरा सह कवि सम्मेलन एवं इत्तेहादुल मुस्लिम कांफ्रेंस कार्यक्रम दुआ के साथ संपन्न हो गया। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व सदस्य मौलाना सगीर रहमानी की अध्यक्षता एवं मौलाना जियाउल्लाह जिया रहमानी के संचालन में हुए कार्यक्रम में लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम में शरीक हुए मौलाना ने अपने संबोधन में लोगों को सामाजिक-सौहार्द व अमन-चैन का पैगाम दिया। जलसा के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता शेख-उल-हदीस मुफ्ती कौशल ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। शिक्षा एक ऐसी चीज है जो इंसान को इंसानियत सिखलाती है। सुंदर देश व समाज निर्माण के लिए व्यक्तित्व का निर्माण जरूरी है। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने ़कुरआन पाक में हम सभी को अमन-शांति से रहने का हुक्म दिया है। इसलिए सभी मुसलमान परिवार और समाज में सछ्वावना का पैगाम दें। इसी पैगाम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस जलसा का आयोजन किया गया है। फुलवारी शरीफ पटना के उस्ताद हदीस हजरत मौलाना अब्दुस्समी चतुर्वेदी ने वेद, गीता, रामायण, कुरआन का मंत्र पढ़कर तथा उसे उर्दू में तर्जुआ कर बारीकी से समझाया। कहा कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह वसल्लम ने बताया कि इंसानियत का मार्ग बिल्कुल सीधा और सच्चा है। उन्होंने तालीम पर जोर देते समाज के औरतों को सम्मान देने की बात कही। अपने घर की औरत की तरह ही अन्य महिलाओं को भी मां, बहन व बेटी का दर्जा दें। मौलाना मुफ्ती अब्दुल मजीद ने कहा कि मुहब्बत व मुहम्मद शब्द एक दूसरे के पूरक हैं। जिसके नियत में मुहब्बत नहीं वो मुहम्मद का प्रिय नहीं हो सकता। एक हाथ में कुरआन व दूसरे हाथ में मुहब्बत का पैगाम लेकर चलने वाला इंसान ही समाज व देश की उन्नति के लिए सही रास्ता दिखा सकता है। कार्यक्रम में मशहूर शायर (कवि) फैशल रशीदी, आफताब रहबर कोलकाता, फिरदौश अंजुम बंगाल, जमशेद जौहर झारखंड आदि ने अपनी प्रस्तुति दी। इस मौके पर युवा कमेटी के अध्यक्ष मकसूद मसन, सचिव मौलाना आरिफ रहमानी, मौलाना अतिउर्रहमान, मौलाना जियाउल, शेख नूरउद्दीन, मु. दानिश, अब्दुल्लाह, मु. हारून, मु. असगर, मु. जहांगीर आलम, मु. इमाम, मु. सगीर, रफी मुहम्मद, मु. तसव्वर आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।

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