संसार को अंधेरे से प्रकाश में लानेवाले हैं श्रीकृष्ण

कटहलबाड़ी टावर स्थित गणेश मंदिर परिसर में 13 सितंबर से 17 सितंबर तक पांच दिवसीय श्रीमछ्वागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को तीसरे दिन कथावाचक श्री स्वामी श्यामा गोपाल जी महराज(वृदांवन) ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथाकार ने भागवत कथा में महाराज ययाति व चंद्रवंशी वंश का वर्णन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 06:10 PM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 06:10 PM (IST)
संसार को अंधेरे से प्रकाश में लानेवाले हैं श्रीकृष्ण
संसार को अंधेरे से प्रकाश में लानेवाले हैं श्रीकृष्ण

उधवा(साहिबगंज): कटहलबाड़ी टावर स्थित गणेश मंदिर परिसर में 13 सितंबर से 17 सितंबर तक पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। शनिवार को तीसरे दिन कथावाचक स्वामी श्यामा गोपाल जी महराज(वृदांवन) ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथाकार ने भागवत कथा में महाराज ययाति व चंद्रवंशी वंश का वर्णन किया। बताया कि ययाति के बड़े पुत्र यदु हुए। उन्हीं के वंश में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष अष्टमी को रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ। भगवान कृष्ण ने संसार को अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए जन्म लिया और अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञानरूपी प्रकाश से दूर किया। भगवान कृष्ण को जब वसुदेव यशोदा मैया के घर लेकर जा रहे थे तो, शेषनाग ने छाया की और गंगामाता ने चरण छुए। कृष्ण को नंदबाबा के घर छोड़कर यशोदा मैया की कन्या को लेकर वापस कंस के कारागृह में आए।

कथाकार ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्य रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है। भयभीत कंस खीजता हुआ अपने महल की ओर लौट गया। उधर नंद बाबा के यहां बधाइयों को तांता लग गया। भक्तों ने भगवान का जन्मोत्सव धूम-धाम के साथ मनाया व भजनों पर ठुमके लगाए। कथा के दौरान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि यमुना में स्नान करती गोपीयों का वस्त्र हरण तथा जल के देवता वरुण का अपमान न करने के संकल्प के बाद श्रीकृष्ण द्वारा पुन: गोपीओं को वस्त्र प्रदान करने का तात्पर्य बताया गया।

माखन चोरी,कालियानाग का दमन व गोवर्धन धारण आदि कथाओं का विवरण से माहौल भक्तिमय हो गया। मौके पर आयोजन धीरेन्द्र मंडल, अजय कुमार मंडल, छोटू मंडल सहित अन्य मौजूद थे।

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