मैट्रिक की परीक्षा होती है जीवन की पहली परीक्षा
टाउन हॉल साहिबगंज में गुरुवार को ज्ञान गंगा योजना के तहत माध्यमिक परीक्षा 2020 परिणाम उन्नयन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन उपायुक्त वरूण रंजन डीआरडीए निदेशक उत्कर्ष गुप्ता एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने उपस्थित शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को अपने सम्बोधन में कहा कि मैट्रिक की परीक्षा जीवन की पहली परीक्षा है इस परीक्षा के बाद ही कोई और परीक्षा होती है। लोग आपसे मैट्रिक में आए अंक के बारे में ही पूछेंगे। मैट्रिक में आए अंक के आधार पर ही उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए अन्य सभी संस्थान में नामांकन या प्रतियोगिता की तैयारी में सफल होने की कुंजी है।
साहिबगंज: टाउन हॉल में गुरुवार को ज्ञान गंगा योजना के तहत माध्यमिक परीक्षा 2020 परिणाम उन्नयन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्घाटन उपायुक्त वरूण रंजन, डीआरडीए निदेशक उत्कर्ष गुप्ता एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद ने किया।
उपायुक्त ने कहा कि मैट्रिक की परीक्षा जीवन की पहली परीक्षा है। इस परीक्षा के बाद ही कोई और परीक्षा होती है। लोग आपसे मैट्रिक में आए अंक के बारे में ही पूछेंगे। मैट्रिक में आए अंक के आधार पर ही उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए अन्य सभी संस्थान में नामांकन या प्रतियोगिता की तैयारी में सफल होने की कुंजी है। यह परीक्षा जीवन के अन्य परीक्षाओं से भिन्न है। इसलिए इसकी प्राथमिकता सबसे अधिक है। आज से 30 वर्षो के बाद किसी भी प्रतियोगिता में आप भाग लेंगे तो मैट्रिक का ही अंक आवश्यक होगा। बड़े-बड़े संस्थानों में नामांकन के लिए उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए 98-99 प्रतिशत कटअप अंक से नामांकन होती है। इसलिए अभी से आपको ईमानदारीपूर्वक मेहनत करनी है। पढ़ाई के लिए खान-पान, पहनावा, मकान, परिवेश की आवश्यकता नहीं होती है, इसके लिए केवल जज्बा होना चाहिए। अब माध्यमिक परीक्षा में केवल तीन माह का समय है, यह तीन माह भी अच्छे परिणाम के लिए बहुत है। इस बीच केवल पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर आपको मार्गदर्शन दिया जाएगा। सभी बच्चों को पढ़ाई के प्रति आत्मविश्वास होना अतिआवश्यक है।
उन्होंने बताया कि पढ़ना आपको है, परीक्षा आपकी होगी, परीक्षा आपको देनी है, परिणाम भी आपका होगा इसलिए पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें। शिक्षकों से अनुरोध एवं अपील है कि बच्चों के भविष्य संवारेंगे तो आने वाले दिनों में यही बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर, आइएएस आदि बनेंगे। पढ़ाने के लिए समय कि कोई आवश्यकता नहीं है। किसी भी समय यथा छुटटी के दिन या रविवार को भी समय निकाल कर पढ़ाया जा सकता है। शिक्षक को अभिभावक के साथ मिलकर परीक्षा कि तैयारी के संबंध में बताये जिससे अभिभावक बच्चों पर घर में पढ़ने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी आशिष कुमार, मनोज कुमार सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे।