सूख रहे नदी- नाले, प्यासे रह गए खेत

गरमी की आहट के साथ ही जिले के नदी नाले सुख रहे हैं जिस कारण खेतों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। जिले के उधवा प्रखंड के गज्जी नाला में पानी सुखने के कगार पर है। इस कारण राधानगर बेगमगंज तथा चांदशहर सहित बरहड़वा प्रखंड के कालू बेलडांगा एवं भवानन्दपुर मौजा में हजारों एकड़ फसल सिचाई के अभाव में नष्ट होने के कगार पर है। इसके अलावा कुदालकटी नाला केंचुआ नाला भी सुख रहा है। खेतों की प्यास नहीं बुझने से हजारों एकड़ रवि फसल को नुकसान का अंदेशा हो गया है। गांवों के किसान मायूस हो रहे हैं। कृषक मित्र प्रतुल मंडल शिव शंकर मंडल ने बताया कि गज्जी नाला को कोदालकाटी नाला तथा शुक्रवासिनी झील के माध्यम से पानी मिलता है

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 11:52 PM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 11:52 PM (IST)
सूख रहे नदी- नाले, प्यासे रह गए खेत
सूख रहे नदी- नाले, प्यासे रह गए खेत

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : गर्मी की आहट के साथ ही जिले के नदी नाले सूख रहे हैं जिस कारण खेतों की प्यास नहीं बुझ पा रही है। जिले के उधवा प्रखंड के गज्जी नाला में पानी सूखने के कगार पर हैं। इस कारण राधानगर, बेगमगंज तथा चांदशहर सहित बरहड़वा प्रखंड के कालू बेलडांगा एवं भवानन्दपुर मौजा में हजारों एकड़ फसल सिचाई के अभाव में नष्ट होने के कगार पर है। इसके अलावा कुदालकटी नाला, केंचुआ नाला भी सूख रहा है। खेतों की प्यास नहीं बुझने से हजारों एकड़ रवि फसल को नुकसान का अंदेशा हो गया है। गांवों के किसान मायूस हो रहे हैं। कृषक मित्र प्रतुल मंडल, शिव शंकर मंडल ने बताया कि गज्जी नाला को कोदालकाटी नाला तथा शुक्रवासिनी झील के माध्यम से पानी मिलता है, लेकिन फरक्का बराज के कारण गंगा का जलस्तर घटने के कारण गज्जी नाला का जलश्रोत कोदालकाटी नाला का भी पानी का स्तर नीचे चला जाता है। लंबे समय से गज्जी नाला का जीर्णोंद्धार भी नहीं किया गया है जिससे सिचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। पिछले दो तीन वर्षों से ऐसी स्थिति आती है और किसानों को सिचाई के अभाव में भारी नुकसान उठाना पड़ता है। सूखे के कारण अगहनी फसल को नुकसान हुआ था। गज्जी नाला में प्रतिवर्ष लगभग यही हाल होता है।

----------------- जिले के किसानों के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना का लाभ उपलब्ध कराने का प्रयास चल रहा है। जिले में चल रही मनरेगा एवं भूमि संरक्षण विभाग की योजना से भी खेतों में सिचाई का दायरा बढ़ा हे। नदी नाले का जीर्णोंद्धार भी विभागों के माध्यम से कराया जाता है।

उमेश तिर्की, जिला कृषि पदाधिकारी, साहिबगंज

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