दीवारों पर उगे पौधे, इमरजेंसी गेट पर टपाटप

रिम्स की पुरानी बिल्डिंग धीरे-धीरे खो रही चमक, प्रबंधन की ओर से लगातार उपेक्षा बन रहा कारण।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 04:49 PM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 04:49 PM (IST)
दीवारों पर उगे पौधे, इमरजेंसी गेट पर टपाटप
दीवारों पर उगे पौधे, इमरजेंसी गेट पर टपाटप

जासं, रांची : रिम्स में एक ओर ट्रामा सेंटर, न्यू पेइंग वार्ड, नेत्र अस्पताल सहित अन्य नवनिर्माण कार्य जोरों पर हैं, वहीं पुरानी बिल्डिंग धीरे-धीरे अपनी चमक खोती जा रही है। न जाने कितने लोग यहां से चंगा होकर निकल गए। कितनी पीढि़यों ने यहीं जन्म लिया। कई जीवन और मौतों का गवाह रही रिम्स की बिल्डिंग खुद अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रही है। मेडिसीन ए-1 और ए-2 वार्ड के पास बाईं ओर छज्जा लगातार टूटकर गिर रहा है। कई जगहों पर आप उभर आई बड़ी दरारों को भी देख सकते हैं। वहीं इमरजेंसी गेट पर लगातार छत से पानी टपकता रहता है।

इमरजेंसी गेट पर ही छपाछप :

जब आप इमरजेंसी गेट से एंट्री करेंगे, तो वहां पर फर्श पर जमे पानी से आपका स्वागत होगा। तमाम मरीजों का भी वहीं से आना-जाना होता है। ऐसे में होनेवाली दिक्कतों का अनुमान लगा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास भी कॉरिडोर के बगल में नाली जाम होने के कारण पानी का जमाव हो गया है। यहां से प्रबंधन के लोग भी गुजरते हैं। चिकित्सक और छात्र भी। लेकिन सभी अनजान मुसाफिर बनकर इसे नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाते हैं।

मौसम की मार से हो रहा बदहाल :

मौसम की मार, उपेक्षा और रंगरोगन के अभाव में पूरी बिल्डिंग में कई जगहों पर दीवारों पर पौधे उग आए हैं। यहां तक कि झारखंड राज्य निर्माण के बाद बनी सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग की दीवारों पर भी पौधे उग आए हैं। कॉरिडोर में कई जगहों पर दीवारों की परतें उतर रही हैं, जो अस्पताल की तस्वीर को ही बदरंग बना रही हैं। ऐसे में बाहर से आनेवालों के मन में भी अस्पताल की कार्य संस्कृति को लेकर नकारात्मक छवि बन रही है।

रिम्स की बिल्डिंग 40 साल से भी ज्यादा पुरानी हो चुकी है। ऐसे में कई प्रकार की परेशानी हो रही है। भवन के पुनरुद्धार के लिए पहल की जा रही है।

डॉ. संजय कुमार, डिप्टी सुप¨रटेंडेंट, रिम्स

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