करोड़ों खर्च कर महज छह इंच ऊंचा कर रहे प्लेटफॉर्म, दुर्घटनाओं की आशंका बरकरार

रांची यात्रियों की सुविधा और ट्रेन में चढ़ते व उतरते वक्त दुर्घटना न हो

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Jan 2020 01:29 AM (IST) Updated:Fri, 31 Jan 2020 06:17 AM (IST)
करोड़ों खर्च कर महज छह इंच ऊंचा कर रहे प्लेटफॉर्म, दुर्घटनाओं की आशंका बरकरार
करोड़ों खर्च कर महज छह इंच ऊंचा कर रहे प्लेटफॉर्म, दुर्घटनाओं की आशंका बरकरार

जागरण संवाददाता, रांची : यात्रियों की सुविधा और ट्रेन में चढ़ते व उतरते वक्त दुर्घटना न हो इसके लिए रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म को ऊंचा किया जा रहा है। लेकिन प्लेटफॉर्म को ऊंचा करने के बाद भी दुर्घटनाएं होने की आशंका बरकरार रहेगी। कारण यह है कि ट्रेन की सतह और प्लेटफॉर्म की सतह में अब भी दो फीट का अंतर है। वहीं दोनों के बीच में अब भी फासला बरकरार है। यदि ट्रेन चढ़ते या उतरते वक्त थोड़ी-सी भी चूक होगी, तो यात्री सीधे ट्रेन के पहिये के नीचे आ जाएगा। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर निर्माण कार्य चल रहा है। महज छह इंच प्लेटफॉर्म को ऊंचा करने का काम किया जा रहा है। लेकिन, खानापूर्ति के तौर पर इसे ऊंचा किया जा रहा है। जबकि इस काम के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहा हैं। इसका कोई भी खास फायदा यात्रियों को नहीं मिलने वाला है।

घटनाओं से भी रेलवे नहीं ले रहा सबक : बीते दो वर्षो में तीन दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं ट्रेन में चढ़ने के दौरान हुई हैं। कई के पैर और हाथ भी कट गए हैं। यहां तक कि एक यात्री की भी मौत हो चुकी है। फिर से वहीं गलती रेलवे दोहरा रहा है, जिससे घटना -दुर्घटना पर कोई लगाम नहीं लगेगी। अगर प्लेटफॉर्म की ऊंचाई और बढ़ाई गई होती, तो दोनों ही समस्या दूर हो जातीं।

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इंजीनियरिग सेक्शन ने नहीं दिया ध्यान : रेलवे के इंजीनियरिग सेक्शन का कोई भी ध्यान इस तरफ नहीं गया है। न इस दिशा में कोई निरीक्षण किया जा रहा है। जबकि इससे बेहतर स्थिति प्लेटफॉर्म पांच की है, जिसकी ऊंचाई और प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फासला भी कम है। ऐसी व्यवस्था में दिव्यांग और बुजुर्ग यात्रियों की परेशानी दूर नहीं होगी।

'अभी प्लेटफॉर्म पर निर्माण कार्य चल ही रहा है। काम पूरा नहीं हुआ है। मानकों का ख्याल रखने के लिए संबंधित विभाग इसकी मॉनिटरिग भी कर रहा है। '

नीरज कुमार

सीपीआरओ, रांची रेल मंडल

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