बरसात ने बढ़ाया हटिया डैम का जल्सतर, चिंता घटी

बारिश के बाद हटिया डैम में जलस्तर बढ़ गया है। इससे परेशानी नहीं होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 08:26 AM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 08:26 AM (IST)
बरसात ने बढ़ाया हटिया डैम का जल्सतर, चिंता घटी
बरसात ने बढ़ाया हटिया डैम का जल्सतर, चिंता घटी

जागरण संवाददाता, रांची :

शहर के दक्षिणी भाग में जलापूर्ति के लिए हटिया डैम पर्याप्त पानी से परिपूर्ण है। गुरुवार को डैम में 30 फीट 2 इंच जलस्तर दर्ज किया गया है। बरसात खत्म होने तक जलस्तर के और भी बढ़ने की संभावना है। हटिया डैम के सहायक अभियंता सुनील खलखो ने बताया कि डैम में पिछले साल से कम पानी है, लेकिन बाकि सालों के मुकाबले स्थिति काफी मजबूत है। पिछले साल जलस्तर 38 फीट था, जब डैम के ओवरफ्लो गेट को खोलने की नौबत आ गई थी। सहायक अभियंता ने बताया कि डैम में इतना पानी है कि गर्मी के मौसम तक पूरे क्षेत्र को पानी दिया जा सकता है। --- बॉक्स -- -- नहीं होगी राशनिंग, हर दिन होगी जलापूर्ति

राशनिंग की स्थिति का जिक्र करते हुए अभियंता धर्मनाथ ने बताया कि इस बार का जलस्तर राशनिंग की ओर इशारा नहीं कर रहा है। ज्ञात हो कि पिछली बार 2016 में यह स्थिति आई थी जब सप्ताह में केवल तीन दिनों के लिए जलापूर्ति की जा रही थी, उस दौरान डैम का जलस्तर 20 फीट के नीचे था जो कि गर्मी के जुलाई महीने में 2 फीट तक पहुंच गया था। इस वर्ष डैम बेहतर स्थिति में है। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व राशनिंग के बाद डैम की खुदाई की गई थी। खुदाई के बाद डैम की क्षमता बढ़ी है। पेयजल विभाग के अनुसार डैम में 20 से 25 दिनों के लिए पानी को स्टोर करने की क्षमता बढ़ी है। वर्ष जलस्तर

2016 17 फीट (खुदाई के पूर्व)

2017 38 फीट (खुदाई के बाद)

2018 30 फीट (अभी तक) --------------------------

खत्म होते जलस्रोत से कम हो रहा है जलस्तर हटिया डैम शहर के 12 प्रतिशत भाग को पानी देता है। इससे धुर्वा, एचईसी, हिनु, डोरंडा, अरगोड़ा और रेलवे कॉलोनी की प्यास बुझती है। साल दर साल डैम पर दोहरा दबाव पड़ रहा है। एक ओर जनसंख्या वृद्धि के कारण उपभोक्ताओं की तादात और दूसरी ओर डैम के स्रोत नष्ट हो रहे हैं। 1960 में स्वर्णरेखा नदी पर निर्मित डैम के पास आज एक भी स्रोत नहीं है। दूर गावों से वर्षा जल संग्रहित हो कर आता था। ¨रग रोड और आस पास मकानों के निर्माण से वे स्रोत भी खत्म हो चुके हैं। आज कैचमेंट एरिया में वर्षा जल के अलावा डैम के पास स्रोत का कोई विकल्प नहीं है। उल्लेखनीय है कि आने वालों दिनों में डैम पर स्मार्ट सिटी में जलापूर्ति का दबाव बढ़ेगा।

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