साइबर अपराधियों ने सेना जवान के खाते से उड़ाया तीन लाख, एफआईआर दर्ज
रांची के नामकुम स्थित आर्मी कैंट के जवान सुधीर कुमार के खाते से साइबर अपराधियों ने तीन लाख रुपये उड़ा लिया।
जागरण संवाददाता, रांची : रांची के नामकुम स्थित आर्मी कैंट के जवान सुधीर कुमार के खाते से साइबर अपराधियों ने तीन लाख रुपये उड़ा लिया। इसे लेकर साइबर थाने में मामला दर्ज कराया गया है। सुधीर कुमार के अनुसार उन्हें बीते 31 मार्च को एक कॉल आया था। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए कहा आपके खाते से 25 हजार रुपये की निकासी हुई है। इस पर सेना जवान ने कहा उन्होंने अपने खाते से 25 हजार का कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है। इस पर साइबर फ्रॉड ने खाता का बैलेंस चेक करने के लिए कहा। खाता का बैलेंस चेक करने पर उससे 25000 की निकासी दिखाई दी। इससे परेशान होकर उन्होंने बैक कॉल किया और साइबर अपराधी से जानकारी ली। इस पर साइबर अपराधी ने पैसे वापस करने के लिए एक ओटीपी भेजा और उसका नंबर पूछा। ओटीपी बताने के कुछ देर बाद ही खाते से तीन लाख रुपये उड़ा लिया गया। इसके बाद वे नामकुम थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद संबंधित मामला साइबर थाने पहुंचा। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। तीन दिनों में कैंटीन भत्ता वापस करने पर निर्णय लेगी एचईसी प्रबंधन, काम पर लौटे मजदूर
जासं, रांची : एचईसी में कामगारों ने बुधवार को फरवरी की सैलरी में कैंटीन भत्ता काटने पर काम बंद कर दिया। साथ ही कंपनी के एचएमबीपी प्लांट के बाहर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एचईसी हटिया मजदूर यूनियन सीटू के नेता राजेंद्र महतो ने बताया कि कोरोना संक्रमण के पहले फेज के दौरान कैंटीन बंद कर कामगारों को 35 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कैंटीन भत्ता दिया जा रहा था जो फरवरी माह से बंद कर दिया है। कंपनी एक्ट के मुताबिक कंपनी में काम करने वाले कामगारों एचईसी को खाना या खाने के एवज में पैसा देना है। मगर कंपनी ऐसा नहीं कर रही है। इससे कामगारों में बड़ी नाराजगी है। इधर, प्रबंधन ने मजदूरों से कहा कि तीन दिनों का वक्त दिया जाए। इसमें प्रबंधन काटे गए पैसे पर अपना फैसला लेगी। इसके बाद कामगार अपने काम पर लौट गए। हटिया मजदूर यूनियन सीटू के नेता भवन सिंह ने कहा कि प्रबंधन के आश्वासन पर सभी काम पर लौटे हैं। मगर काटे गए पैसी की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। एचईसी एरिया में बड़ी संख्या में लोग इस संक्रमण से ग्रसित हो गए हैं। ऐसे में कंपनी ने कैंटीन भी नहीं खोला है और कामगारों का भत्ता भी काट लिया है। कैंटीन खोलने के बजाए, भत्ता फिर से चालू करना होगा। उन्होंने कहा कि दूसरे यूनियनों का कहना है कि कैंटीन भत्ता में 27 लाख का खर्च है और कैंटीन के संचालन में 17 लाख का खर्च। मगर बड़ी बात ये हैं कि कोरोना से संक्रमित हो जाने के बाद कामगारों की मदद कैसे की जाएगी।