विधायकों के आवास के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों ने किया विरोध

झारखंड के विधायकों एवं पूर्व विधायकों के आवास के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध शुरू हो गया है। जागरण संवाददाता, रांची : कांके अंचल के चुट्टू गांव में विधायक व पूर्व विधायकों के आवास

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Feb 2019 11:01 PM (IST) Updated:Sun, 03 Feb 2019 11:01 PM (IST)
विधायकों के आवास के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों ने किया विरोध
विधायकों के आवास के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, रांची : कांके अंचल के चुट्टू गांव में विधायक व पूर्व विधायकों के आवास के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे जमीन अधिग्रहण का विरोध शुरू हो गया है। रविवार को चुट्टू गांव के ग्रामीण हरवे-हथियार से लैस होकर अधिग्रहण के लिए चिह्नित जमीन पर आम सभा की। इस दौरान मौके पर कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष सुरेश बैठा भी पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना था कि सरकार ने गलत तरीके से उनकी 52 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया है। कांके सीओ ने सरकार को अंधेरे में रखा और जमीन को खाली बताकर अधिग्रहण संबंधित रिपोर्ट भेजा। जबकि उक्त जमीन पर 16 रैयत वर्ष 1970-71 से खेती करते आ रहे हैं। उन्हें यह जमीन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भूमिहीनों को भूदान के तहत दिया था। उसपर खेती कर किसान अपना जीविका चला रहे हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन के गलत रवैये से उनकी जमीन को हड़पने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि वे पांच फरवरी को कांके अंचल कार्यालय का घेराव करेंगे। घटना की जानकारी मिलने पर बीआइटी ओपी पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। रैयतों के नाम पर है जमाबंदी :

ग्रामीणों ने बताया कि 52 एकड़ जमीन की जमाबंदी पंजी टू में रैयतों के नाम से हैं। वे लगान भी जमा कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जाना, ग्रामीणों के साथ अत्याचार है। ग्रामीणों ने कहा है कि जमीन किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे, चाहे जान देना क्यों न पड़े। पैदल मार्च कर घेरेंगे कांके अंचल :

कांग्रेसी नेता सुरेश बैठा ने बताया कि गलत तरीके से किए जा रहे जमीन के अधिग्रहण के विरोध में गांव से पैदल मार्च करते हुए कांके अंचल पहुंचेंगे। अंचल का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने इस अधिग्रहण के विरोध में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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