धान देनेवाले किसानों को 15 दिनों के अंदर भुगतान

रांची : राज्य सरकार ने धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान बेचनेवाले किसानों के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। घान के किसनों का भुगतान 15 दिनों में करने का निर्णय लिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Nov 2018 06:39 AM (IST) Updated:Wed, 28 Nov 2018 06:39 AM (IST)
धान देनेवाले किसानों को 15 दिनों के अंदर भुगतान
धान देनेवाले किसानों को 15 दिनों के अंदर भुगतान

रांची : राज्य सरकार ने धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान बेचनेवाले किसानों के लिए कई प्रस्तावों को हरी झंडी देते हुए धान खरीद की व्यवस्था में भी कई परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। इससे संबंधित प्रस्ताव समेत कुल नौ प्रस्तावों को कैबिनेट की स्वीकृति मंगलवार को मिली। राज्य में धान खरीद की दर 1750 रुपये होगी जो कि केंद्र से न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित हुआ है। धान के लिए राशि का भुगतान एनईएफटी/ आरटीजीएस/डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में सीधे किया जाएगा। पिछले वर्ष सरकार ने किसानों को धान जमा कराने पर बोनस भी दिया था। जिसे इस वर्ष चालू रखने पर भी विचार किया गया। विभाग इससे संबंधित लागत का ब्यौरा सौंपेगा जिसके बाद बोनस पर अंतिम फैसला होगा। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी अपर मुख्य सचिव एसकेजी रहाटे ने दी।

धान अधिप्राप्ति के लिए पलामू प्रमंडल में भारतीय खाद्य निगम का अधिप्राप्ति एजेंसी के रूप में चयन किया गया है जबकि अन्य चार प्रमंडलों में झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।

-----

एक दिसंबर से शुरू होकर 31 मार्च तक होगी खरीदारी

कैबिनेट के फैसले के बाद तत्काल प्रभाव से धान अधिप्राप्ति के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राज्य में 239 केंद्र पहले से ही चिह्नित किए जा चुके हैं और आवश्यकता के अनुसार केंद्रों की संख्या बढ़ाने की स्वतंत्रता उपायुक्तों को विभाग स्तर से दी गई है। धान खरीदने की व्यवस्था में एफसीआइ मॉडल पर कई परिवर्तन भी किए गए हैं। धान क्रय केंद्र पर एक सरकारी अधिकारी, पैक्स सदस्य और एक ऑपरेटर सह एकाउंटेंट तैनात होंगे। इस प्रकार धान अधिप्राप्ति की तत्काल रिपोर्ट सरकार को मिलती रहेगी। राज्य सरकार ने 4 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। एक दिसंबर से शुरू होकर 31 मार्च तकधान की खरीदारी होगी। मिलों को अब धान के बदले बैंक गारंटी अथवा चावल देना होगा। विभागीय सचिव अमिताभ कौशल ने जानकारी दी कि धान खरीद में पैसे की लागत बहुत आती है इसलिए कैबिनेट ने चीनी खरीदारी के लिए रखे रिवाल्विंग फंड 200 करोड़ रुपये को धान खरीद के लिए देने का निर्णय लिया है। धान अधिप्राप्ति से संबंधित आंकड़े कंप्यूटर प्रणाली (ई-उपार्जन) पर दर्ज होंगे।

-----

ऐसे होगी धान की खरीद

राज्य में निबंधित किसानों को एसएमएस अथवा दूरभाष के माध्यम से इसकी जानकारी दी जाएगी कि धान अधिप्राप्ति केंद्रों से संपर्क कर धान बिक्री की तिथि से संबंधित टोकन प्राप्त कर लिया जाए जिस पर टोकन की संख्या रहेगी। जिन किसानों द्वारा टोकन प्राप्त नहीं किया जाता है उन्हें क्रमबद्ध आधार पर धान बिक्री की तिथि के लिए फिर से एसएमएस भेजा जाएगा। कैबिनेट ने संताल परगना प्रमंडल के जिला देवघर, दुमका गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा में विकेंद्रीकृत अधिप्राप्ति प्रणाली के तहत अधिप्राप्ति करने का भी निर्णय लिया।

--------

झारखंड राज्य खाद्य आयोग अब सचिवालय से संलग्न

झारखंड राज्य खाद्य आयोग अब सचिवालय से संलग्न कार्यालयों में शुमार होगा। इस कार्यालय के लिए राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मियों की सूची तय करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

---

कैबिनेट के अन्य फैसले

-गिरिडीह के डुमरी स्थित जामतारा मौजा में 0.15 एकड़ गैरमजरूआ खास जमीन भारत सरकार के उपक्रम गेल को 41.55 लाख रुपये के भुगतान पर लीज पर देने का निर्णय।

-गढ़वा में रेफरल हॉस्पिटल में नियुक्त डा. गुरुचरण सिंह सलूजा बर्खास्त। मई 2013 में ज्वाइन करने के बाद सलूजा लगातार गायब हैं।

-जमशेदपुर शहरी फोर लेन एलिवेटेड कॉरिडोर - अन्ना चौक से गोविंदपुर बाइपास के लिए 163.53 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति। इस राशि का सड़क, पुल और भूअर्जन के लिए भी इस्तेमाल होगा।

-प्राकृतिक आपदा में मृत व्यक्ति का शव नहीं मिलने की स्थिति में परिजनों को राहत देने के लिए तय प्रक्रिया में छूट दी गई है। अब डीसी एक जांच कमेटी बनाकर रिपोर्ट तैयार कराएंगे जिसके आधार पर परिजनों को अनुदान राशि दी जा सकेगी। आपदा में मौत की स्थिति में चार लाख रुपये तक राशि दी जाती है।

-झारखंड वनांचल आंदोलनकारी एवं जेपी आंदोलन के आंदोलनकारियों को चिह्नित करने के लिए बने आयोग का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया। अगस्त 2018 में इस आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया था।

-लघु खनिजों की नीलामी के लिए भारत सरकार के उपक्रम एमएसटीसी लिमिटेड, कोलकाता को ई-नीलामी प्लेटफार्म सेवाएं प्रदान करने हेतु नामाकन के आधार पर चयनित किया गया है।

-पश्चिम सिंहभूम के हाटगम्हरिया एवं झींकपानी अंचल के मौजा आमडीहा एवं बासाहातू के विभिन्न खाता एवं खेसरा में 34.570 एकड़ गैरमजरूआ आम एवं खास भूमि कुल देय राशि 8,79,170/- रुपये लेकर रेल मंत्रालय भारत सरकार को तीसरी लाइन विस्तारीकरण के लिए जमीन दी जाएगी।

chat bot
आपका साथी