पूर्व विधायक के यहां थी ‘निर्मल हृदय’ की बच्ची, विधायक की बहू ने लिया था गोद

बच्ची को सिमडेगा जिले के कोलेबिरा के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो के संरक्षण में रखा गया था। इसमें उसकी रजामंदी थी।

By BabitaEdited By: Publish:Thu, 12 Jul 2018 08:19 AM (IST) Updated:Thu, 12 Jul 2018 02:59 PM (IST)
पूर्व विधायक के यहां थी ‘निर्मल हृदय’ की बच्ची, विधायक की बहू ने लिया था गोद
पूर्व विधायक के यहां थी ‘निर्मल हृदय’ की बच्ची, विधायक की बहू ने लिया था गोद

रांची, जेएनएन। ‘निर्मल हृदय’ में जन्मी एक बच्ची पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो के यहां थी। बच्ची की उम्र एक वर्ष है। हाल में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की इस संस्था से बच्चा बेचे जाने की खबर के बाद पुलिस सख्ती शुरू हुई है। रजिस्टर देखकर ताबड़तोड़ छापे मारे जा रहे हैं। ऐसे में बुधवार को इस एक वर्षीय बच्ची को लेकर उसकी नाबालिग मां रांची के कोतवाली थाना पहुंची। उसके साथ अन्य लोग भी थे। इन्होंने दावा किया कि यह बच्ची किसी को बेची नहीं गई।

बच्ची को सिमडेगा जिले के कोलेबिरा के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो के संरक्षण में रखा गया था। इसमें उसकी रजामंदी थी। बच्ची को विधायक के बेटे और बहू पाल रहे थे। मैं भी आना-जाना कर उसका पालन-पोषण करती थी। बच्ची को देने के एवज में कोई पैसे नहीं लिए थे। बच्ची के सौंपने के बाद कोतवाली थानेदार श्यामानंद मंडल ने तुरंत बच्ची को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने बच्ची को अपनी सुरक्षा में लेकर उसे शेल्टर होम में भेज दिया है। इस बच्ची की बरामदगी के लिए कोतवाली पुलिस लगातार दबिश बना रही थी। बताते चलें कि प्रत्यक्ष तौर पर जिन चार बच्चों के बेचे जाने का खुलासा हुआ था उनमें से तीन बरामद कर लिए गए हैं। इनमें एक उत्तरप्रदेश के दंपती के पास से, दूसरा मोरहाबादी के हरिहर सिंह रोड और तीसरा सिमडेगा की दंपती के पास से बरामद हुआ है। एक अन्य बच्चे की तलाश में छापेमारी चल रही है।

बच्ची को लेने वाली शैलजा बोली, मैं मर जाऊंगी बच्ची को लेकर पालने वाली सिमडेगा निवासी शैलजा पुलिस व सीडब्ल्यूसी के सामने गिड़गिड़ाती हुई बोली कि मैं इस बच्ची के बिना मर जाऊंगी। मुझे किसी भी हाल में बच्ची से दूर न करें। मुझे बच्ची के साथ रखा जाए। प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्ची को मुझे दें। पुलिस और सीडब्ल्यूसी ने बच्ची को सौंपने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा है। शैलजा को कोई संतान नहीं है। इस बच्ची को वह अपनी संतान की तरह पाल रही थी।

पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो बोले- सामाजिक व्यवस्था के तहत बच्ची को लिया गया था गोद पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो ने बताया है कि उनकी बहू ने सामाजिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बच्ची गोद लिया था । बच्ची की नानी उनकी समधन की परिचित है। बच्ची की मां की रजामंदी यह सब हुआ, इसमें किसी भी तरह की लेनदेन नहीं हुआ था। मेरी बहू को कोई संतान नहीं है इसलिए उसने बच्ची को गोद लिया था। बच्ची को जन्म देने वाली मां भी मेरे घर आकर उसका देखभाल करती थी। मेरी बहू भी गोद ली गई बच्ची को अपनी बच्ची की तरह प्यार देती है। बच्ची को गोद लेने में पैसे का लेन-देन भी नहीं हुआ है।

मां से बिछड़ने के बाद रोती-बिलखती रही बच्ची

दो माओं के बावजूद बच्ची उनकी गोद को तरसती रही। रोती रही। एक तरफ एक वर्ष से पालने वाली मां की ममता थी तो दूसरी ओर उसे जन्म देने वाली मां। बच्ची सीडब्यूसी के संरक्षण में है।

नाबालिग मां ने पुलिस को दिया शपथ पत्र 

बच्ची की मां ने पुलिस को एक शपथ पत्र सौंपा है। इसमें कहा है कि उसने 24 जून 2017 को निर्मल हृदय आश्रम में रहते हुए सदर अस्पताल में एक बच्ची को उसने जन्म दिया। बच्ची को जन्म देने के बाद उसने अपनी मां की परिचित महिला को उसे सौंप दिया था। वह परिचित महिला मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सदस्य है। उसी ने विधायक के परिवार को यह बच्चा दिया। इसमें उसकी सहमति थी। 2016 में बच्ची की मां से हुआ था दुष्कर्म बच्ची को जन्म देने वाली नाबालिग मां से दुष्कर्म हुआ था। उससे वर्ष 2016 में दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद जून 2017 में उसने बच्ची को जन्म दिया। जन्म देने से छह माह पूर्व वह निर्मल हृदय आश्रम पहुंची थी।

एफआइआर में अब तक दस लोगों के नाम जुड़े हैं। जैसे-जैसे खरीद-बिक्री में शामिल लोगों के नाम सामने आ रहे हैं केस में उनका नाम जुड़ रहा है। इस बच्ची की अगर खरीद-बिक्री हुई है या कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है तो संबंधित दंपती का नाम इस केस में जुड़ेगा।

-श्यामानंद मंडल, इंस्पेक्टर कोतवाली सह एएचटीयू थाना, रांची।

दुधमुंही की हत्या, निर्मल हृदय से मामला जुड़े होने की आशंका

राजधानी रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय से बच्चों की बिक्री का मामला गरम है। पुलिस बच्चों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इस बीच एक दुधमुंही बच्ची का शव बुधवार की सुबह नामकुम स्वर्णरेखा नदी से बरामद किया गया। बच्ची की हत्या कर किसी ने साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से नदी में फेंक दिया था। बच्ची के गले में जूते का फीता लपेटा हुआ था।

आशंका है कि बच्ची का गला घोंटकर हत्या की गई है। बच्ची की उम्र लगभग दो माह बताई जा रही है। पुलिस इस पहलू को भी लेकर जांच कर रही है कहीं मामला मिशनरीज से जुड़ा हुआ तो नहीं। बच्ची को बेचे जाने का भेद खुलने की आशंका से तो उसकी हत्या नहीं कर दी गई।

बुधवार को पुलिस को सूचना मिली कि नदी में शव पड़ा हुआ है। पुलिस ने शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। पोस्टमार्टम सूत्रों की मानें तो बच्ची के सिर में चोट और गला घोंटा जाना मौत का कारण बना। आशंका है कि हत्यारे ने पहले बेरहमी से सिर पर प्रहार किया। इसके बाद जूते  के फीता से गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

बच्ची को किस परिस्थिति में फेंका गया है, इसका पता लगाने के बाद  ही स्थिति स्पष्ट होगी। अगर हत्या कर फेंका गया है, तो मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ाव संभावित हो सकती है। लेकिन इस संबंध में कुछ कहना जल्दबाजी होगा।’ 

अजीत पीटर डुंगडुंग, ग्रामीण एसपी रांची।

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