लालू को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह के अदालत का बहिष्कार जारी

जिला बार एसोसिएशन ने 19 से 23 जनवरी उनकी अदालत का पूर्ण कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 20 Jan 2018 12:00 PM (IST) Updated:Sat, 20 Jan 2018 02:41 PM (IST)
लालू को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह के अदालत का बहिष्कार जारी
लालू को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह के अदालत का बहिष्कार जारी

रांची, [जागरण संवाददाता]।चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को सजा सुनाने वाले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सह अपर न्यायायुक्त शिवपाल सिंह की अदालत का शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने बहिष्कार किया। जिला बार एसोसिएशन ने 19 से 23 जनवरी उनकी अदालत का पूर्ण कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। अधिवक्ताओं ने न्यायाधीश पर दु‌र्व्यवहार का आरोप लगाया है।

शुक्रवार को शिवपाल सिंह की अदालत में 50 से अधिक मामले सूचीबद्ध थे। अदालत ने एक मामले में फैसला सुनाया तो दूसरे मामले में चार्जफ्रेम किया। अदालत ने दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाते हुए चंदन टोप्पो उर्फ शेरू को बरी किया। उसके खिलाफ 30 मई 2015 को मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट से संबंधित मामले में आरोपी दिलीप उरांव के खिलाफ चार्जफ्रेम करते हुए गवाही के लिए 17 फरवरी 2018 की तिथि निर्धारित की। अन्य मामलों में सुनवाई के लिए अगली तिथि तक निर्धारित की गई। कार्य बहिष्कार के कारण अधिवक्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को सजा सुनाने वाले सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सह अपर न्यायायुक्त शिवपाल सिंह की अदालत में न्यायिक कार्य में भाग नहीं लिया।

इधर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से शिवपाल सिंह की अदालत में रखे गए रिमांड अधिवक्ता उदय चौरसिया ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उदय ने वजह कार्य का अधिक दबाव होना बताया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने एसडीजेएम एमके शर्मा की अदालत से भी इस्तीफा दे दिया है। रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि अधिवक्ताओं द्वारा कार्य बहिष्कार 23 जनवरी तक जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि न्यायाधीश शिवपाल सिंह के खिलाफ एसोसिएशन को बराबर शिकायत मिल रही थी। अधिवक्ता सत्यनारायण प्रसाद ने एसोसिएशन से शिकायत किया था कि न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उनका टाइटल अपील का मामला चल रहा है। पिता का निधन होने के कारण सत्यनारायण ने अधिवक्ता सुरेश सिंह के माध्यम से एक माह का समयावेदन दिया था। न्यायाधीश ने इसपर कोई संज्ञान नहीं लिया और हर दूसरे दिन तारीख देते रहे। अधिवक्ता सुरेश सिंह के साथ अमर्यादित तरीके से पेश आए। अधिवक्ताओं के प्रति न्यायाधीश का निरंतर अमर्यादित व्यवहार से तंग आकर कोर्ट बहिष्कार का निर्णय लिया गया है।

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