निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मियां तेज

राज्य के 34 निकायों में अप्रैल में प्रस्तावित चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मी तेज हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 12 Feb 2018 03:22 PM (IST) Updated:Mon, 12 Feb 2018 03:39 PM (IST)
निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मियां तेज
निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मियां तेज

राज्य ब्यूरो, रांची। निकाय चुनावों को लेकर उम्मीदवारों के दावे सामने आने लगे हैं और अब अधिसंख्य सीटों के लिए यह तो तय हो चुका है कि वहां राजनीतिक दलों का गठबंधन कारगर नहीं होगा। निचले स्तर पर पहले से ही इतनी गांठे हैं कि वरीय नेता बंधन तैयार करने का कोई रिस्क नहीं लेने जा रहे हैं। हां, जहां मजबूत उम्मीदवार नहीं मिलेगा वहां तो कुछ न कुछ फॉमरूला लगाया ही जाएगा। राज्य में सत्ता पर काबिज भाजपा और आजसू पार्टी अलग-अलग अपना काम करेंगे तो झामुमो भी सहयोगी विपक्षी पार्टियों की सुध लेने से रहा। कांग्रेस, राजद, झाविमो जैसी पार्टियां भी कहीं-कहीं गठबंधन रूपी सहारे की तलाश में हैं।

राज्य के 34 निकायों में अप्रैल महीने में प्रस्तावित चुनावों को लेकर तमाम राजनीतिक दलों में सरगर्मी तेज है और उन लोगों की सूची को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है, जो विभिन्न स्तरों पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं। फिलहाल प्रमुख राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार तय करने के लिए अपनी रणनीति का अंतिम रूप दे दिया है। यह तय कर लिया गया है कि उम्मीदवारों के नाम कैसे और कौन तय करेगा, अब सिर्फ नामों के चयन को लेकर संशय है और अगले 15 दिनों तक बना रहेगा। कई दलों में फरवरी के अंत तक कुछ नाम स्पष्ट हो सकते हैं।

चुनाव के लिए भाजपा सबसे सटीक तरीका अपना रही है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश के एक वरिष्ठ प्रभारी (सचिव/उपाध्यक्ष) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देगा। इसके पूर्व जिला स्तरीय कमेटियों से मशविरा भी किया जाएगा। कांग्रेस ने फिलहाल सभी जिला प्रभारियों को नाम एकत्रित करने का जिम्मा दे रखा है और इसके बाद इन नामों पर हरी झंडी पार्टी मुख्यालय में लगाई जाएगी। राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड विकास मोर्चा भी अपने लिए में गुंजाइश तलाश रहे हैं। एक बात तो तय है कि इन दलों के उम्मीदवार सभी सीटों पर नहीं दिखेंगे और विपक्षी एका के नाम पर किसी न किसी का समर्थन करेंगे। जहां कोई मजबूत उम्मीदवार होगा तो उसको सिंबल दिया जाएगा।

मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी अपनी टीम तैयार कर ली है और यह माना जा रहा है कि में सभी सीटों पर पार्टी का उम्मीदवार होगा। दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं को शायद ही पार्टी समर्थन को तैयार हो, लेकिन अंतिम समय में निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है और ऐसे में कुछ भी हो सकता है।

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