14 विधायकों के खिलाफ केस का स्पीडी ट्रायल

रांची : हाई कोर्ट के आदेश पर लंबित कांडों के निष्पादन को लेकर राज्य में बनी महत्वाकांक्षा योजना

By Edited By: Publish:Thu, 15 Feb 2018 03:00 AM (IST) Updated:Thu, 15 Feb 2018 11:27 AM (IST)
14 विधायकों के खिलाफ केस का स्पीडी ट्रायल
14 विधायकों के खिलाफ केस का स्पीडी ट्रायल
रांची : हाई कोर्ट के आदेश पर लंबित कांडों के निष्पादन को लेकर राज्य में बनी महत्वाकांक्षी योजना स्पीडी ट्रायल का दूसरा फेज जल्द शुरू होने जा रहा है। पहले फेज में जहां केवल दो विधायक बड़कागांव की निर्मला देवी व डुमरी के जगरनाथ महतो का मामला स्पीडी ट्रायल में चल रहा है वहीं अब दूसरे फेज में 12 विधायकों के मामले को लेने की तैयारी है। इस तरह राज्य के कुल 14 विधायकों के खिलाफ मुकदमों का स्पीडी ट्रायल चलेगा। प्रथम फेज के कुल 501 मामलों में चार माह के भीतर आधे से अधिक कांडों के निष्पादन के बाद अब दूसरे फेज में भी 500 केस लेने की तैयारी है। इसके लिए अगले सप्ताह सीआइडी सभी जिलों से लंबित कांडों का ब्योरा मंगाया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि दूसरे फेज का ट्रायल मार्च के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा। इन विधायकों के खिलाफ हैं गंभीर मुकदमे प्रदीप यादव (पोड़ैयाहाट, गोड्डा), अमित कुमार महतो (सिल्ली, रांची), राजकुमार यादव (धनवार, गिरिडीह), कुशवाहा शिवपूजन मेहता (हुसैनाबाद, पलामू), फूलचंद मंडल (सिंदरी, धनबाद), पौलूस सुरीन (तोरपा, खूंटी), गणेश गंझू (सिमरिया, चतरा), भानु प्रताप शाही (भवनाथपुर, गढ़वा), एनोस एक्का (कालेबिरा, सिमडेगा), ढुलू महतो (बाघमारा, धनबाद), दशरथ गगराई (खरसांवा, सरायकेला), चमरा लिंडा (बिशुनपुर, गुमला), निर्मला देवी, (बड़कागांव) व जगरनाथ महतो (डुमरी)। दो विधायकों की जा चुकी है सदस्यता पुराने मुकदमे में फैसला आने के बाद दो विधायकों की विधानसभा की सदस्यता जा चुकी है। लोहरदगा के विधायक रहे कमल किशोर भगत प्रख्यात चिकित्सक डा. केके सिन्हा पर हमले के मामले में जेल में बंद हैं। कोयला तस्करी के एक मामले में हाल ही में विधानसभा ने गोमिया के विधायक योगेंद्र प्रसाद की सदस्यता निरस्त की है। अभियोजन कोषांग व सीआइडी निभा रही अहम भूमिका स्पीडी ट्रायल के निष्पादन की मॉनीट¨रग राज्य का अभियोजन कोषांग कर रहा है। वहीं, सीआइडी की टीम ट्रायल के दौरान गवाहों को अदालत तक पहुंचाने, नोटिस तामिला करवाने तथा जिलों से समन्वय स्थापित करने में अहम भूमिका निभा रही है। हर सोमवार को मुख्य सचिव करती हैं समीक्षा स्पीडी ट्रायल में कितने मामले निष्पादित हुए, क्या परेशानी सामने आ रही है। कहां किस जिले या विंग का सहयोग मिल रहा है, किनका सहयोग नहीं मिल रहा है आदि मुद्दों को लेकर प्रत्येक सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्पीडी ट्रायल कमेटी की बैठक होती है। जहां कहीं भी कोई परेशानी सामने आती है, उसे दूर करने की कोशिश की जाती है।
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