कैलाश खेर को गाने के लिए 2.5 करोड़ दिए जाने पर विवाद

राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर के मौके पर प्रख्यात गायक कैलाश खेर झारखंड थीम सांग के साथ अपने सुरों का जलवा बिखेरेंगे।

By Edited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 08:44 AM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 01:15 PM (IST)
कैलाश खेर को गाने के लिए 2.5 करोड़ दिए जाने पर विवाद
कैलाश खेर को गाने के लिए 2.5 करोड़ दिए जाने पर विवाद

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर के मौके पर प्रख्यात गायक कैलाश खेर सुरों का जलवा बिखेरेंगे लेकिन उनके कार्यक्रम के पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। इसे लेकर पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव मनीष रंजन को पद से हटाना चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक स्थापना दिवस पर झारखंड से संबंधित गीत बनाने के लिए कैलाश खेर ने भारी-भरकम राशि 2.5 करोड़ रुपये की मांग की थी।

इस बाबत प्रस्ताव पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग ने दिया। बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में भी इसे लेकर चर्चा हुई। इससे पूर्व वित्त विभाग की आपत्ति को लेकर उठे विवाद में सीएमओ के स्तर से हस्तक्षेप हुआ। इस प्रकरण में मनीष रंजन का तबादला कर दिया गया। उधर, राज्य सरकार के वरीय मंत्री सरयू राय ने गुरुवार को इस प्रकरण पर कहा कि सरकार पीआरडी से क्यों नहीं स्थापना दिवस के मद्देनजर गीत तैयार कराती है?

जितनी राशि खर्च की जा रही है उसमें एक से ज्यादा गीत तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कार्यक्रम को मनोनयन के आधार पर दी गई मंजूरी पर भी सवाल उठाए। कहा, किसी संस्था के लिए नियम शिथिल किए जा सकते हैं लेकिन व्यक्ति विशेष के लिए नियम में ढिलाई नहीं दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि बुधवार को राज्य सरकार ने 35 लाख रुपये की मंजूरी कैलाश खेर के कार्यक्रम के लिए दी थी।

मनीष रंजन ने सचिव पद से स्वयं पदभार छोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी मनीष रंजन ने गुरुवार को पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के सचिव के पद से स्वत: पदभार छोड़ दिया। इसके साथ ही उन्होंने श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में निदेशक के पद पर योगदान दे दिया। उन्होंने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव राहुल शर्मा को पदभार देने की बजाय सुबह साढ़े दस बजे कार्यालय जाकर स्वत: पदभार छोड़ दिया।

बता दें कि राहुल शर्मा को पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। मनीष रंजन को इस पद से हटाए जाने को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास कई कारणों से उनसे नाराज थे। चर्चा यह भी है कि लोक मंथन कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में राज्यपाल के नाम नहीं होने के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा था।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होनेवाले राज्य स्तरीय समारोह में गायक कैलाश खेर को बुलाने को लेकर योजना सह वित्त विभाग द्वारा पेच फंसाने के उनके वक्तव्य को लेकर भी नाराजगी थी। मुख्यमंत्री की बैठक में उन्होंने यह मामला उठाया था।

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